नई दिल्ली
दिल्ली यूनिवर्सिटी के 4 पाठ्यक्रमों के नए सिलेबस पर जारी विवाद के बाद अब सभी विवादित और भावनाओं को भड़कानेवाले हिस्से को सिलेबस से हटा दिया गया है। बुधवार को यूनिवर्सिटी के करिकुलम अधिकारी ने कहा कि 4 विषयों के सिलेबस में शामिल कुछ हिस्सों को आरएसएस विरोधी होने को लेकर विवाद था। विरोध के बाद आपत्तिजनक हिस्सों को सिलेबस से हटा लिया गया है।
4 विभागों के सिलेबस पर संघ-ABVP की आपत्ति
बता दें कि 4 विभागों सोशियॉलजी, पॉलिटिकल साइंस, हिस्ट्री और इंग्लिश के यूजी प्रोग्राम के सिलेबस में कुछ हिस्सों को लेकर विवाद था। सिलेबस में कुछ ऐसे प्रसंग शामिल किए गए थे जिसका विरोध अकैडमिक काउंसिल के सदस्य और आरएसएस समर्थित टीचर्स संगठन नैशनल डैमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रफेसर रसल सिंह ने किया था। संघ समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी ने भी इंग्लिश डिपार्टमेंट के एक पेपर में गुजरात दंगों पर एक केस स्टडी शामिल करने और एलजीबीटी कम्युनिटी से जुड़े एक चैप्टर को शामिल करने का विरोध किया था।
पढ़ें: डीयू के सिलेबस में 'गुजरात दंगों' का जिक्र, विवाद
विवादित प्रसंगों को सिलेबस से हटाया गया
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'सिलेबस में ऐसे किसी प्रसंग को शामिल नहीं किया गया है जो किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत करनेवाला हो। किसी संगठन या संप्रदाय विशेष की भावनाओं को आहत करनेवाले प्रसंगों को सिलेबस में शामिल नहीं किया गया।' बुधवार को चारों विभाग ने काउंसिल के सुझावों के आधार पर सिलेबस को अंतिम रूप दे दिया।
नंदिनी सुंदर का नक्सलवाद संबंधित लेख हटाया गया
पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट ने प्रफेसर नंदिनी सुंदर के नक्सलवाद पर लिखे लेख को सिलेबस में से हटा दिया है। अंग्रेजी विभाग के सिलेबस में एक चैप्टर ऐसा शामिल किया गया था जिसमें आरएसएस और बजरंग दल की खराब छवि पेश की जा रही थी, सिलेबस से उस हिस्से को हटा लिया गया है।
संगठन-वर्ग को आधार बनानेवाले प्रसंग को सिलेबस में शामिल नहीं किया गया
अंग्रेजी विभाग के एक प्रफेसर ने सिलेबस से विवादित हिस्सों को हटाने पर कहा, 'जिन चैप्टर पर आपत्ति दर्ज की गई थी वह 2004 से ही पाठ्यक्रम में शामिल थे। हमने फैसला किया कि सिलेबस में कुछ नए अध्याय शामिल किए जाएं। नए अध्याय में ऐसे किसी प्रसंग को शामिल नहीं किया गया हो जिसका संदर्भ किसी खास संगठन, संप्रदाय, वर्ग आदि से जुड़ा हो।'
दिल्ली यूनिवर्सिटी के 4 पाठ्यक्रमों के नए सिलेबस पर जारी विवाद के बाद अब सभी विवादित और भावनाओं को भड़कानेवाले हिस्से को सिलेबस से हटा दिया गया है। बुधवार को यूनिवर्सिटी के करिकुलम अधिकारी ने कहा कि 4 विषयों के सिलेबस में शामिल कुछ हिस्सों को आरएसएस विरोधी होने को लेकर विवाद था। विरोध के बाद आपत्तिजनक हिस्सों को सिलेबस से हटा लिया गया है।
4 विभागों के सिलेबस पर संघ-ABVP की आपत्ति
बता दें कि 4 विभागों सोशियॉलजी, पॉलिटिकल साइंस, हिस्ट्री और इंग्लिश के यूजी प्रोग्राम के सिलेबस में कुछ हिस्सों को लेकर विवाद था। सिलेबस में कुछ ऐसे प्रसंग शामिल किए गए थे जिसका विरोध अकैडमिक काउंसिल के सदस्य और आरएसएस समर्थित टीचर्स संगठन नैशनल डैमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रफेसर रसल सिंह ने किया था। संघ समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी ने भी इंग्लिश डिपार्टमेंट के एक पेपर में गुजरात दंगों पर एक केस स्टडी शामिल करने और एलजीबीटी कम्युनिटी से जुड़े एक चैप्टर को शामिल करने का विरोध किया था।
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विवादित प्रसंगों को सिलेबस से हटाया गया
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'सिलेबस में ऐसे किसी प्रसंग को शामिल नहीं किया गया है जो किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत करनेवाला हो। किसी संगठन या संप्रदाय विशेष की भावनाओं को आहत करनेवाले प्रसंगों को सिलेबस में शामिल नहीं किया गया।' बुधवार को चारों विभाग ने काउंसिल के सुझावों के आधार पर सिलेबस को अंतिम रूप दे दिया।
नंदिनी सुंदर का नक्सलवाद संबंधित लेख हटाया गया
पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट ने प्रफेसर नंदिनी सुंदर के नक्सलवाद पर लिखे लेख को सिलेबस में से हटा दिया है। अंग्रेजी विभाग के सिलेबस में एक चैप्टर ऐसा शामिल किया गया था जिसमें आरएसएस और बजरंग दल की खराब छवि पेश की जा रही थी, सिलेबस से उस हिस्से को हटा लिया गया है।
संगठन-वर्ग को आधार बनानेवाले प्रसंग को सिलेबस में शामिल नहीं किया गया
अंग्रेजी विभाग के एक प्रफेसर ने सिलेबस से विवादित हिस्सों को हटाने पर कहा, 'जिन चैप्टर पर आपत्ति दर्ज की गई थी वह 2004 से ही पाठ्यक्रम में शामिल थे। हमने फैसला किया कि सिलेबस में कुछ नए अध्याय शामिल किए जाएं। नए अध्याय में ऐसे किसी प्रसंग को शामिल नहीं किया गया हो जिसका संदर्भ किसी खास संगठन, संप्रदाय, वर्ग आदि से जुड़ा हो।'
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