Sunday, July 28, 2019

‘मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट से प्रदूषण से भी राहत’

दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में चार हजार नई बसों को जोड़ने के साथ-साथ नए बस स्टैंड बनाने, बस टर्मिनलों को मॉडर्न लुक देने की योजनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। दिल्ली सरकार का मानना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किए जाने से शहर में प्रदूषण की समस्या से भी निपटा जा सकता है। दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने हाल ही में पर्यावरण विभाग की भी जिम्मेदारी संभाली है। ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार और प्रदूषण की समस्या की बड़ी चुनौतियों को लेकर सरकार क्या तैयारी कर रही है, इन मुद्दों पर गुलशन राय खत्री और भूपेंद्र ने उनसे विस्तार में बातचीत की:

दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का चेहरा बदलने की कोशिश कर रही सरकार क्या बड़े कदम उठा रही है?
दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करते हैं। पिछले ढाई साल में अलग-अलग तरह की बसों के लिए टेंडर हुए हैं। अब नई बसों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इस समय डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की 5500 बसें हैं और अगले साल जून तक स्टैंडर्ड फ्लोर, लो फ्लोर, इलेक्ट्रिक बसों को मिलाकर चार हजार नई बसें सड़कों पर होंगी। क्लस्टर स्कीम में नई स्टैंडर्ड फ्लोर बसें अगले कुछ दिनों में सड़कों पर आनी शुरू हो जाएंगी। स्टैंडर्ड फ्लोर बसें करीब एक साल पहले आ जानी चाहिए थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में केस फाइल किए गए और सरकार को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट से स्टैंडर्ड फ्लोर बसें लाने की इजाजत मिली। पहले डीटीसी की भी स्टैंडर्ड फ्लोर बसें लाने की योजना थी लेकिन अब तय किया गया है कि अब लो फ्लोर बसें ही खरीदी जाएंगी। डीटीसी की लो फ्लोर एसी बसें नवंबर-दिसंबर से आनी शुरू होंगी और मई तक सभी बसें सड़कों पर उतार दी जाएंगी। क्लस्टर स्कीम में एक हजार लो फ्लोर बसों के टेंडर को भी मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने इन बसों के लिए दिसंबर से अप्रैल तक की टाइमलाइन फिक्स की है। 1000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी टेंडर कर दिया है और 2 अगस्त को टेंडर ओपन होगा। इलेक्ट्रिक बसों के लिए अगले साल जनवरी से अप्रैल तक की टाइमलाइन फिक्स की गई है। जनवरी में ई-बसों की पहली खेप आ जाएगी। सरकार ने ई-वीकल पॉलिसी भी बनाई है और ई-गाड़ियों को बढ़ावा दिया जाएगा।

बस स्टैंड में सुधार के लिए क्या किया जा रहा है, बस स्टैंड पर पीआईएस सिस्टम को लेकर कोई योजना है?
सरकार ने सभी बसों में सीसीटीवी, जीपीएस, पैनिक बटन के लिए टेंडर किया है। इसके अलावा जो नई बसें आ रही हैं, उनमें सभी मॉडर्न टेक्नॉलजी होगी। पब्लिक इंफर्मेशन सिस्टम (पीआईएस) के लिए जरूरी है कि बसों में जीपीएस हो। जब सारी बसों में जीपीएस सिस्टम हो जाएगा तो सरकार पीआईएस सिस्टम भी लगाएगी। लोगों को बस स्टैंड पर बस के आने-जाने की टाइमिंग समेत सभी जरूरी जानकारी मिल सकेगी। अभी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के वन ऐप के जरिए क्लस्टर स्कीम की बसों की टाइमिंग के बारे में जानकारी मिल सकती है। ऐप पर हर मिनट में इंफर्मेशन अपडेट होती है। इसके साथ ही सरकार ने करीब 1400 बस स्टैंड को नया लुक देने की सारी तैयारी कर ली है और पीडब्ल्यूडी को नये डिजाइन के हिसाब से बस स्टैंड तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।

मेट्रो फेज 4 को लेकर सरकार का क्या रुख है, क्या अब भी काम शुरू होने में कोई अड़चन है?
दिल्ली सरकार की ओर से मेट्रो फेज 4 के कंस्ट्रक्शन को लेकर ग्रीन सिग्नल दे दिया गया है और काम भी शुरू हो गया है। सरकार ने पैसा भी रिलीज कर दिया है। हालांकि दिल्ली सरकार का स्टैंड रहा है कि मेट्रो फेज-4 के सभी छह कॉरिडोर पर एक साथ काम शुरू होना चाहिए। दिल्ली सरकार ने पिछले साल दिसंबर में मेट्रो फेज-4 के छह कॉरिडोर को मंजूरी दी थी। केंद्र ने 2019 में तीन कॉरिडोर को हटाते हुए बाकी तीन को मंजूरी दी। सरकार ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है कि बचे हुए तीन कॉरिडोर का काम भी शुरू होना चाहिए। इसके अलावा केंद्र ने मेट्रो फेज 4 में लैंड कॉस्ट और ऑपरेशन लॉस की पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर डाल दी है, जबकि मेट्रो फेज 1, 2 और 3 में यह 50-50 पर्सेंट के हिसाब से होता था।

मेट्रो में डायरेक्टर के लिए जो नाम दिल्ली सरकार ने भेजे हैं, उन पर केंद्र ने आपत्ति जताई है, सरकार का अगला कदम क्या होगा?
केंद्र सरकार की खुद की गाइडलाइंस हैं कि मेट्रो बोर्ड में दो से ज्यादा सरकारी अधिकारी नहीं हो सकते। दिल्ली सरकार को बोर्ड में अपने नॉमिनी तय करने का अधिकार है और दिल्ली सरकार ने नियम- कायदों के मुताबिक ही नाम भेजे हैं। यहां महत्वपूर्ण है कि अगर बोर्ड में अलग- अलग फील्ड के एक्सपर्ट्स और राजनीतिक लोग होंगे तो जनता के प्रति उनकी जवाबदेही ज्यादा होगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ही दिल्ली सरकार ने मेट्रो के बोर्ड में सरकारी अफसरों की बजाय अपनी अपनी फील्ड के एक्सपर्ट लोगों को अपने प्रतिनिधि के रूप में बोर्ड डायरेक्टर नियुक्त करने के लिए आदेश दिए थे। सरकार ने अब मेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि तीन दिन में बोर्ड के डायरेकटरों की नियुक्ति की औपचारिकताएं पूरी की जाएं और अगर ऐसा नहीं किया जाता तो दिल्ली सरकार को लिखित में कारण बताए जाएं।

आपने पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी संभाली है, प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कोई विशेष योजना है?
सरकार पिछले कई सालों से प्रदूषण की समस्या से निपटने के उपाय कर रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। पर्यावरण में सुधार के लिए और भी कई योजनाओं पर काम चल रहा है।

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