शिव विहार
हस्तसाल गांव के नगर निगम प्राइमरी स्कूल में गुरुवार को अचानक इंस्पेक्शन हुआ। इस दौरान डीडीई अधिकारी ने स्टूडेंट्स की कम हाजिरी को लेकर सवाल किया। टीचर का जवाब सुनकर अधिकारी भी हैरान रह गए। टीचर का कहना है कि इसमें मैं क्या कर सकती हूं। इसे लेकर अधिकारी ने टीचर को फटकार लगाई और प्रिंसिपल को निर्देश दिया कि अगर किसी क्लास में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस कम होती है, तो वह टीचर को नोटिस देकर उनसे जवाब मांगे।
कहने को इस स्कूल में सोलर पैनल लगाया जा रहा है, लेकिन स्टूडेंट्स को बैठने के लिए डेस्क तक मौजूद नहीं हैं। यह स्कूल दो शिफ्ट में चलता हैं। इस स्कूल में तकरीबन दो हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। डेस्क न होने की वजह से वे दरी पर बैठकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। चार मंजिला स्कूल में तकरीबन 25 कमरे बने हुए हैं और एक भी क्लास में स्टूडेंट्स के लिए डेस्क नहीं है। स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि फंड की कमी के चलते स्कूल में डेस्क नहीं आए हैं।
डीडीई अधिकारी ऋषिपाल राणा ने बताया कि बारिश के चलते स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या कम थी। इंस्पेक्शन के दौरान स्कूल में डेस्क के अलावा सभी व्यवस्था सही थी। पहले की तुलना में स्कूलों में सुधार हुआ है।
हस्तसाल गांव के नगर निगम प्राइमरी स्कूल में गुरुवार को अचानक इंस्पेक्शन हुआ। इस दौरान डीडीई अधिकारी ने स्टूडेंट्स की कम हाजिरी को लेकर सवाल किया। टीचर का जवाब सुनकर अधिकारी भी हैरान रह गए। टीचर का कहना है कि इसमें मैं क्या कर सकती हूं। इसे लेकर अधिकारी ने टीचर को फटकार लगाई और प्रिंसिपल को निर्देश दिया कि अगर किसी क्लास में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस कम होती है, तो वह टीचर को नोटिस देकर उनसे जवाब मांगे।
कहने को इस स्कूल में सोलर पैनल लगाया जा रहा है, लेकिन स्टूडेंट्स को बैठने के लिए डेस्क तक मौजूद नहीं हैं। यह स्कूल दो शिफ्ट में चलता हैं। इस स्कूल में तकरीबन दो हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। डेस्क न होने की वजह से वे दरी पर बैठकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। चार मंजिला स्कूल में तकरीबन 25 कमरे बने हुए हैं और एक भी क्लास में स्टूडेंट्स के लिए डेस्क नहीं है। स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि फंड की कमी के चलते स्कूल में डेस्क नहीं आए हैं।
डीडीई अधिकारी ऋषिपाल राणा ने बताया कि बारिश के चलते स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या कम थी। इंस्पेक्शन के दौरान स्कूल में डेस्क के अलावा सभी व्यवस्था सही थी। पहले की तुलना में स्कूलों में सुधार हुआ है।
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