नई दिल्ली
विदेशी नस्ल के कुत्तों को तो सभी पालना चाहते हैं लेकिन देशी कुत्तों के लिए ऐसा प्यार कम ही देखने को मिलता है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रोजाना इन कुत्तों का ध्यान रखते हैं। ऐसी ही एक विदेशी महिला हैं जेसिका हाल्ट्जमैन। जेसिका अब तक 41 बेसहारा कुत्तों की मदद कर चुकी हैं। यही नहीं, उन्होंने इन कुत्तों को अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भेजा है। वहां इन कुत्तों को कई लोगों ने अडॉप्ट किया है। जेसिका के जीवन का मकसद है बेसहारा जानवरों की मदद करना।
दिल्ली से हुआ शुरू सफर
साल 2017 में जेसिका दिल्ली आई थीं। वह पहाड़गंज के एक होटल में रुकी हुई थीं। एक दिन उन्होंने होटल के बाहर एक पपी की दर्द से कराहती आवाज सुनी। पपी को बुरी तरह पीटा गया था। जेसिका कहती हैं, 'मैं उस समय उसकी जिंदगी बचाना चाहती थी।' फिर नेपाल और थाइलैंड घूमने का प्लान कैंसल कर उन्होंने पपी के ठीक होने का इंतजार किया। उन्होंने उसका नाम ‘दिल्ली’ रख दिया।
अब 'दिल्ली' जेसिका की मां के पास वॉशिंगटन में रहता है। साल 2018 में जेसिका ने बेसहारा कुत्तों की मदद करने के लिए ‘दिल्ली द स्ट्रीट डॉग फाउंडेशन’ बनाया। यह फाउंडेशन कई संस्थाओं और वॉलंटियर्स के साथ मिलकर काम करता है। कुत्तों को विदेश में उनके मालिक के पास भेजना आसान नहीं होता। ‘फ्लाइट वॉलंटियर’ को ढूंढा जाता है जो अपने साथ डॉगी को लेकर जाता है।
विदेशी नस्ल के कुत्तों को तो सभी पालना चाहते हैं लेकिन देशी कुत्तों के लिए ऐसा प्यार कम ही देखने को मिलता है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रोजाना इन कुत्तों का ध्यान रखते हैं। ऐसी ही एक विदेशी महिला हैं जेसिका हाल्ट्जमैन। जेसिका अब तक 41 बेसहारा कुत्तों की मदद कर चुकी हैं। यही नहीं, उन्होंने इन कुत्तों को अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भेजा है। वहां इन कुत्तों को कई लोगों ने अडॉप्ट किया है। जेसिका के जीवन का मकसद है बेसहारा जानवरों की मदद करना।
दिल्ली से हुआ शुरू सफर
साल 2017 में जेसिका दिल्ली आई थीं। वह पहाड़गंज के एक होटल में रुकी हुई थीं। एक दिन उन्होंने होटल के बाहर एक पपी की दर्द से कराहती आवाज सुनी। पपी को बुरी तरह पीटा गया था। जेसिका कहती हैं, 'मैं उस समय उसकी जिंदगी बचाना चाहती थी।' फिर नेपाल और थाइलैंड घूमने का प्लान कैंसल कर उन्होंने पपी के ठीक होने का इंतजार किया। उन्होंने उसका नाम ‘दिल्ली’ रख दिया।
अब 'दिल्ली' जेसिका की मां के पास वॉशिंगटन में रहता है। साल 2018 में जेसिका ने बेसहारा कुत्तों की मदद करने के लिए ‘दिल्ली द स्ट्रीट डॉग फाउंडेशन’ बनाया। यह फाउंडेशन कई संस्थाओं और वॉलंटियर्स के साथ मिलकर काम करता है। कुत्तों को विदेश में उनके मालिक के पास भेजना आसान नहीं होता। ‘फ्लाइट वॉलंटियर’ को ढूंढा जाता है जो अपने साथ डॉगी को लेकर जाता है।
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