Wednesday, June 26, 2019

वसंत विहार ट्रिपल मर्डरः आरोपियों की जिंदगी में थी बहुत उथल-पुथल

नई दिल्ली
राजधानी के वसंत विहार इलाके में हाल में बुजुर्ग पति-पत्नी और उनकी देखभाल करने वाली नर्स की हत्या के मामले में पुलिस ने 42 वर्षीय महिला और उसके ‘लिव इन’ पार्टनर को गिरफ्तार किया है। गुरुग्राम से पकड़ी गई प्रीति सहरावत उर्फ मोना बुजुर्ग महिला की सहेली की बेटी है, जिसकी लाइफ में लंबे समय से काफी उथल-पुथल चल रही थी। उसी ने लूटपाट के इरादे से इस वारदात की साजिश रची और अपने लिव इन पार्टनर मनोज भट (39) की मदद से अंजाम दिया।

पहले दोनों ने चाय बना रही नर्स खुशबू का कई वार करके मर्डर किया, फिर बेडरूम में सो रहे दंपती की हत्या कर दी। उसके बाद दो घंटे तक पूरे घर को खंगाला। पुलिस को इनसे 86 हजार रुपये कैश, एक डायमंड रिंग, गोल्ड चेन आदि बरामद हुई है।
जेल काट चुका है आरोपी, दोनों की जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव
इस ट्रिपल मर्डर केस के आरोपियों की जिंदगी में बड़ी उथल-पुथल थी। मनोज भट्ट अपनी पत्नी के मर्डर में पांच साल जेल काट चुका है। दो बार शादी करने के बावजूद प्रीति का घर नहीं बस पाया था। तीन साल पहले दोनों की मुलाकात हुई तो लिव-इन में गुड़गांव में रहने लगे। रेस्तरां खोला तो उसमें घाटा हो गया। पेइंग गेस्ट रखने लगे, लेकिन वह नहीं चल पाया। इससे दोनों परेशान थे। वे टारगेट की तलाश में थे, जिसका अंत वसंत अपार्टमेंट में जाकर हुआ।
पुलिस के मुताबिक, होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कर चुकी प्रीति सहरावत उर्फ मोना के माता-पिता नांगलोई इलाके में रहते हैं। प्रीति की पहली शादी कपिल नाम के शख्स से हुई थी। इससे उनका एक बेटा है और वह पहले पति के पास ही रहता है। प्रीति ने 2000 में निकोलस से शादी की, जिससे एक बेटा और बेटी हुई। बेटा प्रीति के पास है, जबकि बेटी प्रीति के माता-पिता के पास रहती है। डीसीपी (क्राइम) राजेश देव ने बताया कि निकोलस 2005 में प्रीति को छोड़कर कनाडा में बस गया। वह एक बार फिर अकेली हो गई और 2016 में उसकी मुलाकात मनोज भट्ट से हुई। दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे। दोनों ने रेस्तरां और पीजी का काम किया तो काफी घाटा हो गया। दोनों लाइफ सेटल करने के लिए काम की तलाश में थे, क्योंकि दोनों की फाइनैंशल हालत काफी खराब हो गई थी।

2010 में हुई थी आरोपी मनोज की पत्नी की हत्या
आरोपी मनोज उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का रहने वाला है। वह लाजपत नगर में रहता था और हौज खास में बिल्डर के यहां बिजनेस हेड था। सैलरी 60 हजार रुपये महीना थी। 20 मार्च 2010 को उसकी पत्नी नीलम की हत्या हो गई। मनोज को इस हत्याकांड में गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, उसका कोई बच्चा नहीं था। वह अपने साथ काम करने वाली एक लड़की से प्यार करता था। इसलिए नीलम का मर्डर करा दिया। मनोज पांच साल तक तिहाड़ जेल में रहा। साकेत कोर्ट ने 29 अप्रैल 2015 को पुलिस की कहानी को खारिज कर मनोज को पत्नी की हत्या के आरोप से बरी कर दिया।

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