नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे नंबर पर रही आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को एक नया नारा लॉन्च किया-‘दिल्ली में तो केजरीवाल’। लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए आप ने अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
‘दिल्ली में तो केजरीवाल’ नारे लिखे बैनर आप की दिल्ली राज्य इकाई के स्वयंसेवकों के साथ पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की हो रही सभी बैठक स्थलों पर देखा जा सकता है। केजरीवाल ने रविवार को यहां पंजाबी बाग क्लब में दिल्ली राज्य इकाई के स्वयंसेवकों की एक बैठक बुलाई थी। यह बैठक स्वयंसेवकों के साथ बातचीत और पार्टी के भावी कदम पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में या 2020 की शुरुआत में होना है। आप लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे नंबर पर रही थी। पार्टी को पूरी दिल्ली में मात्र 18 प्रतिशत वोट मिले थे। बीजेपी ने सभी सात सीटों पर वोटों के भारी अंतराल से जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी के कुछ उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई।
2015 में चमत्कारिक प्रदर्शन
अगर आप का 2015 विधानसभा चुनावों में उभरना चमत्कारिक था, तो चार साल बाद लोकसभा चुनावों में उसका पतन भी उतना ही चौकाने वाला है। जब यहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह खबर अच्छी नहीं है। आप का सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र में रहा, जहां इसे 35.7 प्रतिशत मत मिले और बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को 52.1 प्रतिशत और कांग्रेस को सिर्फ 7.8 प्रतिशत मत मिले। इसके बाद उसका प्रदर्शन देओली में बेहतर रहा जहां उसे 32.5 प्रतिशत मत मिले, वहीं बीजेपी को 49.5 प्रतिशत और कांग्रेस को 14.5 प्रतिशत वोट मिले। अगर आम चुनाव के रुझान जारी रहे तो विधानसभा चुनावों में 70 में से तीन सीटें जीतने वाली बीजेपी 60 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। वहीं विधानसभा चुनावों में खाता भी नहीं खोलने वाली कांग्रेस पांच सीटें जीत सकती है।
लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे नंबर पर रही आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को एक नया नारा लॉन्च किया-‘दिल्ली में तो केजरीवाल’। लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए आप ने अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
‘दिल्ली में तो केजरीवाल’ नारे लिखे बैनर आप की दिल्ली राज्य इकाई के स्वयंसेवकों के साथ पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की हो रही सभी बैठक स्थलों पर देखा जा सकता है। केजरीवाल ने रविवार को यहां पंजाबी बाग क्लब में दिल्ली राज्य इकाई के स्वयंसेवकों की एक बैठक बुलाई थी। यह बैठक स्वयंसेवकों के साथ बातचीत और पार्टी के भावी कदम पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में या 2020 की शुरुआत में होना है। आप लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे नंबर पर रही थी। पार्टी को पूरी दिल्ली में मात्र 18 प्रतिशत वोट मिले थे। बीजेपी ने सभी सात सीटों पर वोटों के भारी अंतराल से जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी के कुछ उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई।
2015 में चमत्कारिक प्रदर्शन
अगर आप का 2015 विधानसभा चुनावों में उभरना चमत्कारिक था, तो चार साल बाद लोकसभा चुनावों में उसका पतन भी उतना ही चौकाने वाला है। जब यहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह खबर अच्छी नहीं है। आप का सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र में रहा, जहां इसे 35.7 प्रतिशत मत मिले और बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को 52.1 प्रतिशत और कांग्रेस को सिर्फ 7.8 प्रतिशत मत मिले। इसके बाद उसका प्रदर्शन देओली में बेहतर रहा जहां उसे 32.5 प्रतिशत मत मिले, वहीं बीजेपी को 49.5 प्रतिशत और कांग्रेस को 14.5 प्रतिशत वोट मिले। अगर आम चुनाव के रुझान जारी रहे तो विधानसभा चुनावों में 70 में से तीन सीटें जीतने वाली बीजेपी 60 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। वहीं विधानसभा चुनावों में खाता भी नहीं खोलने वाली कांग्रेस पांच सीटें जीत सकती है।
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