Wednesday, May 29, 2019

गर्ल्स हॉस्टल आगः किसी लड़की के पास न था फोन, आसपास के लोगों ने की फायर कॉल

नई दिल्ली
कावेरी गर्ल्स हॉस्टल में बुधवार तड़के लगी आग के बाद वहां रहने वाली लड़कियां दहशत में दिखीं। उनके पास फोन नहीं थे, इसलिए वे किसी को आग के बारे में बता नहीं सकीं, आसपास के लोगों ने पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को कॉल किए। लड़कियों ने बताया कि हॉस्टल में दिल्ली समेत आसपास के राज्यों की करीब 150 लड़कियां रहती हैं। ये 10वीं-12वीं के साथ-साथ मेडिकल एंट्रेस टेस्ट की तैयारी भी कर रही हैं। मेन बिल्डिंग के दो अलग-अलग हिस्से हैं। इनमें बड़े-बड़े हॉल्स को लकड़ी के बोर्ड से अलग करके छोटे कमरों में तब्दील किया गया है। ज्यादातर कमरों में दो लड़कियां रहती हैं।

कुछेक सिंगल रूम भी हैं। हॉस्टल के 10-12 कमरों में एसी भी लगे हैं। बाकी में पंखे और कूलर हैं। बिल्डिंग के बाएं हिस्से में जब आग लगी, तब वहां करीब 50 लड़कियां अलग-अलग कमरों में सो रही थीं।

एक लड़की ने बताया, मंगलवार दिन में उन्हें आग से बचाव के बारे में जानकारी दी गई थी। एक मॉक ड्रिल भी हुई थी। रात में ही यह घटना हो गई। एक और लड़की ने बताया कि उन्हें हॉस्टल में फोन रखने की इजाजत नहीं है। शाम में सिर्फ दो घंटे के लिए उन्हें पैरंट्स से बात करने के लिए मोबाइल मिलता है। फिर सभी के फोन जमा करा लिए जाते हैं। इसी वजह से आग लगी, तो फायर और पुलिस को कॉल करने के लिए भी किसी के पास फोन नहीं था। बाहर से गुजर रहे लोगों ने जब आग और धुआं देखा, तो उन्होंने पुलिस और फायर को कॉल की।

हॉस्टल की इंचार्ज ऊषा मलिक ने बताया कि करीब 4 साल से यह हॉस्टल चल रहा है। उनके मुताबिक, जिस हिस्से में आग लगी, वहां ग्राउंड फ्लोर और पहली मंजिल पर सिर्फ 10-18 लड़कियां रह रही थीं। बेसमेंट में कोई नहीं था, जबकि दमकल कर्मचारियों ने बताया कि बेसमेंट में भी लड़कियां थीं। एक लड़की ने बताया, रात में अचानक हमारे कमरों के नाइट बल्ब जलने-बुझने लगे। फिर तेज धमाके के साथ अंधेरा छा गया।

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