हृदय की बीमारियों के बढ़ने के साथ ही हार्ट फेल्योर के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के हृदय की कार्यक्षमता कम होने लगती है। इसलिए हृदय ठीक से काम नहीं कर पाता। वैसे तो इसके इलाज के लिए पहले से पेसमेकर व कृत्रिम हृदय जैसे उपकरण उपलब्ध है पर इन उपकरणों का इस्तेमाल सीमित मरीज ही कर पाते हैं। इसलिए ज्यादातर मरीजों के लिए इलाज का विकल्प तलाशना मुश्किल होता है। पीएसआरआइ (पुष्पावति सिघानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट) अस्पताल के हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित सम्मेलन में डॉक्टरों ने हार्ट फेल्योर के इलाज की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की जिसमें यह बात समाने आई की सीसीएम (कार्डियक कांट्रैक्टिलिटी मॉड्यूलेशन) थेरेपी हार्ट फेल्योर के मरीजों के इलाज के लिए एक नई उम्मीद है। यह एक अत्याधुनिक पेसमेकर है। उम्मीद है कि जल्द ही देश में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।
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