Thursday, May 30, 2019

कभी सिर से जुड़े थे जग्गा-बलिया अलग-अलग जिएंगे

दुर्गेश नंदन झा, नई दिल्ली
ओडिशा के जग्गा और बलिया याद हैं आपको? वही जुड़वां बच्चे जो सिर से जुड़े हुए थे और 2017 में सर्जरी कर दोनों को अलग किया गया था। दोनों अब चार साल के हो गए हैं। जग्गा सामान्य और स्वस्थ है। वह अब स्कूल जाने को तैयार है लेकिन बलिया बिस्तर पर है। हालांकि बलिया का वजन बढ़ गया है और ओरल फीडिंग के जरिए वह भोजन लेता है।

दोनों को अगले महीने ओडिशा ले जाया जाएगा। दोनों को दो साल से एम्स के प्राइवेट वार्ड में रखा गया था। सिर से जुड़े बच्चे बहुत कम पैदा होते हैं। ढाई करोड़ में से एक ऐसा केस होता है। उनमें में ऐसे बहुत कम होते हैं जिनके ब्रेन से हार्ट तक एक ही नस के जरिए खून पहुंचता है। ये दोनों ही बातें इस केस में थीं, लेकिन सफल सर्जरी के जरिए दोनों को अलग कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों स्वस्थ जीवन व्यतीत करने को तैयार हैं।

सर्जरी के लिए जापानी एक्सपर्ट को बुलाया गया था। प्रफेसर ऑफ न्यूरोसर्जरी डॉ. दीपक गुप्ता ने कहा था, 'हमने सर्जरी से पहले 3डी प्रिंट मॉडल पर कई बार प्रैक्टिस की थी। ऐसा कर हमने वेसल ऐनाटमी के बारे में समझा और जाना कि कैसे ब्रेन को अलग किया जा सकता है।'
ऑपरेशन के बाद जग्गा और बलिया को एम्स के प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां दोनों अपने माता-पिता के साथ दो साल से रह रहे हैं। बच्चों की मां पुष्पांजलि कंहार ने कहा, 'यह हमारे लिए बिल्कुल घर जैसा है। डॉक्टरों और नर्सों ने हमारे बच्चों का बहुत अच्छी तरह खयाल रखा। हमारे खाने-पीने और दवाओं का खर्च ओडिशा सरकार वहन करती है।' जग्गा-बलिया के माता-पिता गरीब हैं और ओडिशा के कंधमाल में खेतीबाड़ी करते हैं।

जब जग्गा-बलिया के माता-पिता इलाज के लिए बच्चों को लेकर दिल्ली आए थए तो उन्हें न हिंदी समझ आती थी न वे बोल पाते थे लेकिन अब वे हिंदी में बात कर पाते हैं। पुष्पांजलि ने बताया कि जग्गा भी ए, बी,सी, डी सीख गया है। वह वार्ड में खएलता रहता है। कभी-कभार ओडिशा भवन का स्टाफ उसे बाहर घुमाने ले जाता है। हाल में उसे इंडिया घुमाने ले गए थे।'

जब ये जुड़वां बच्चो ओडिशा जाएंगे तो उन्हें मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ओडिशा सरकार ने एम्स से कहा है कि डिटेल्ड प्रोटोकॉल तैयार कर उन्हें सौंपी जाए।

'पूरी दुनिया में ऐसे सिर्फ 10-11 जुड़वां जिंदा हैं'
जग्गा-बलिया की सर्जरी करने वाले डॉक्टरों में से एक न्यूरोसर्जन ने बताया, 'भारत में अकेले जग्गा और बलिया ही ऐसे सिर से जुड़े जुड़वां हैं जो सर्जरी के बाद इतने दिनों तक जिंदा हैं।' एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि जग्गा और बलिया की सर्जरी दो फेजों में की गई थी, जिसमें 20 घंटों का वक्त लगा था।
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