Friday, May 31, 2019

गर्ल्स हॉस्टल आगः केयर टेकर पर केस दर्ज

नई दिल्ली
जनकपुरी (वेस्ट) के कावेरी हॉस्टल में लगी आग का मामला बढ़ता जा रहा है। घटना के दूसरे दिन पुलिस ने हॉस्टल की मैनेजर और केयर टेकर ऊषा मलिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। हालांकि इस मामले में अभी भी डिपार्टमेंट्स लापरवाही से इनकार कर रहे हैं।

गुरुवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम टीम और सीएफएसएल टीमें हॉस्टल पहुंचीं। उन्होंने पूरे मामले की छानबीन की। दोपहर बाद ऊषा मलिक के खिलाफ धारा-336 का मामला दर्ज किया। डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने बताया कि जनकपुरी के हॉस्टल में लगी आग के बाद कई सवाल खड़े हो रहे थे। टीमों ने जांच की और लापरवाही का मामला हॉस्टल की मैनेजर कम केयर टेकर ऊषा मलिक पर दर्ज किया गया। अब कुछ लोगों से और पूछताछ होगी।

जरूरत पड़ने पर हॉस्टल मालिक से भी पूछताछ की जाएगी। घटना के बाद दूसरे दिन भी काफी संख्या में लड़कियों के पैरंट्स हॉस्टल पहुंचे। कुछ लड़कियों ने बताया कि कुछ स्टूडेंट्स को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया गया है। हॉस्टल में बिजली और दूसरे उपकरणों को ठीक करने का काम शुरू हो गया है। वहीं, कावेरी हॉस्टल के आसपास के दूसरे हॉस्टल-पीजी वाले लड़कियों के पैरंट्स से उनके यहां शिफ्ट होने की बात कर रहे हैं। दावा है कि उनके पीजी ज्यादा सेफ हैं।

बाकी जगहों से महंगे हॉस्टल
जनकपुरी के ए-1 में कई इंस्टिट्यूट हैं। स्टूडेंट्स को यहीं रहना ज्यादा सुविधाजनक लगता है। उनका समय व्यर्थ नहीं होता। इसी वजह से पीजी आदि का किराया भी द्वारका और विकासपुरी जैसी जगहों से 20-30 पर्सेंट ज्यादा है। यहां के पीजी में लकड़ी का इस्तेमाल कर ज्यादा कमरे बना दिए गए हैं।

बेसमेंट में कमरों पर सवाल
हॉस्टल के बेसमेंट में भी कुछ कमरे थे, जहां लड़कियों को रखा गया था। सबसे बड़ा सवाल उन्हीं कमरों पर है। इनके बारे में कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। डीडीए के मुताबिक, भले ही हॉस्टल, पीजी के लिए स्पष्ट नियम नहीं हैं, लेकिन बेसमेंट में कमरे नहीं बनाए जा सकते। बेसमेंट का इस्तेमाल पार्किंग, स्टोरेज आदि के लिए ही किया जा सकता है।

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