नई दिल्ली
आठ घंटे के ऑपरेशन के बाद आखिरकार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के स्पेशल ऑपरेशन्स स्क्वॉड ने तीन अपराधियों को पकड़ लिया, जिन्हें एक हत्या का ठेका दिया गया था। शनिवार को तीनों हत्या की वारदात को अन्जाम देने निकले थे। हालांकि इस मामले का मास्टरमाइंड फरार हो गया।
क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम न केवल हत्या की वारदात होने से रोक पाई बल्कि शहर के बड़े कारोबारी की कारजैकिंग के सनसनीखेज मामले को भी सुलाझा लिया। इस केस में कारोबारी को राजौरी गार्डन से किडनैप कर धौलाकुआं में फेंक दिया था। मामला कुछ महीनों पहले का है। शू
रों के पास से चोरी की पजेरो कार बरामद कर ली गई है।
अरेस्ट किए गए आरोपियों में हरियाणा के भिवानी का अन्नू सिंह(35) शामिल है, जिसे हरियाणा पुलिस ने बर्खास्त कर दिया था। अन्नू के खिलाफ 10 जघन्य अपराधों के केस दर्ज हैं। इसके अलावा, दिल्ली के नजफगढ़ के अमित सिंह(32) रके खिलाफ हत्या और कारजैकिंग के 7 मामले और जितेंद्र(26) के खिलाफ चोरी के तीन मामले दर्ज हैं।
इस पूरे ड्रामे का खुलासा एक मुखबिर से मिली खबर के बाद हुआ। रोहिणआ सेक्टर 18 के क्राइम बह्रांच के दफ्तर में शाम 5 बजे एर मुखबिर पहुंचा और उसने एएसआई शिव कुमार को कुख्यात गैंगस्चर विकास पीके के बारे में जानकारी दी, जिसपर 50,000 रुपये का इनाम है। डीसीपी(क्राइम ब्रांच) जॉय तिर्के ने एक टीम गठित की और शूटरों की धरपकड़ के लिए प्लान तैयार किया गया।
करीब शाम 7:30 बजे मुखबिर ने सफेद रंग की पजेरो के बारे में बताया और पुलिस टीम ने उसे इंचरसेप्ट कर लिया। ड्राइवर की पहचान जितेंद्र के रूप में हुई। उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके गैंग ने राजौरी गार्डन के एक कारोबारी की कार छीनी थी। थोड़़ी ही देर में पता चल गया कि वह कार बीकानेरवाला चेन से जुड़े कारोबारी गणेश अग्रवाल की है। गैंग ने 4 फरवरी की रात को उनसे कार झपटी थी, जब वह फोन पर बात कर रहे थे। गैंग के एक सदस्य ने जबरन कार का दरवाजा खोल दिया था और अंदर घुस गया था। गणेश कुछ पाते, इससे पहले ही दो और लोग मिड़ल सीट पर बैठ गए और पिस्तौल के दम पर उन्हं पीछे खींच लिया। इसके बाद गैंग ने गाड़ी को धौला कुआं की ओर बढ़ाया और रास्ते में उनका पर्स आदि भी छीन लिया। एक ने उनका मोबाइल फोन छीना और उसका सिम निकालकर फेंक दिया।
इसके बाद फर्जी नंबरप्लेट लगाकर गैंग अपराध करता रहा। पूछताछ में जितेंदर् ने आगे बताया कि एक मर्डर के सिलसिले में वह अपने दो साथियों से मिलने वाला है और फिर सिंह और कुमार दोनों शूटर पुलिस की पकड़ में आ गए।
पकड़े जाने के बाद दोनों ने पुलिस को बताया कि मास्टरमाइंड विकास पीके ने उन्हें पिस्तौल और 10-10 गोलियां दी थीं। उन्होंने बताया कि पीके बिजवासन के घर में मिल सकता है। पुलिस ने वहां पहुंचकर इलाके की घेराबदी कर दी लेकिन वह भागने में कामयाब हो गया।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें
आठ घंटे के ऑपरेशन के बाद आखिरकार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के स्पेशल ऑपरेशन्स स्क्वॉड ने तीन अपराधियों को पकड़ लिया, जिन्हें एक हत्या का ठेका दिया गया था। शनिवार को तीनों हत्या की वारदात को अन्जाम देने निकले थे। हालांकि इस मामले का मास्टरमाइंड फरार हो गया।
क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम न केवल हत्या की वारदात होने से रोक पाई बल्कि शहर के बड़े कारोबारी की कारजैकिंग के सनसनीखेज मामले को भी सुलाझा लिया। इस केस में कारोबारी को राजौरी गार्डन से किडनैप कर धौलाकुआं में फेंक दिया था। मामला कुछ महीनों पहले का है। शू
रों के पास से चोरी की पजेरो कार बरामद कर ली गई है।
अरेस्ट किए गए आरोपियों में हरियाणा के भिवानी का अन्नू सिंह(35) शामिल है, जिसे हरियाणा पुलिस ने बर्खास्त कर दिया था। अन्नू के खिलाफ 10 जघन्य अपराधों के केस दर्ज हैं। इसके अलावा, दिल्ली के नजफगढ़ के अमित सिंह(32) रके खिलाफ हत्या और कारजैकिंग के 7 मामले और जितेंद्र(26) के खिलाफ चोरी के तीन मामले दर्ज हैं।
इस पूरे ड्रामे का खुलासा एक मुखबिर से मिली खबर के बाद हुआ। रोहिणआ सेक्टर 18 के क्राइम बह्रांच के दफ्तर में शाम 5 बजे एर मुखबिर पहुंचा और उसने एएसआई शिव कुमार को कुख्यात गैंगस्चर विकास पीके के बारे में जानकारी दी, जिसपर 50,000 रुपये का इनाम है। डीसीपी(क्राइम ब्रांच) जॉय तिर्के ने एक टीम गठित की और शूटरों की धरपकड़ के लिए प्लान तैयार किया गया।
करीब शाम 7:30 बजे मुखबिर ने सफेद रंग की पजेरो के बारे में बताया और पुलिस टीम ने उसे इंचरसेप्ट कर लिया। ड्राइवर की पहचान जितेंद्र के रूप में हुई। उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके गैंग ने राजौरी गार्डन के एक कारोबारी की कार छीनी थी। थोड़़ी ही देर में पता चल गया कि वह कार बीकानेरवाला चेन से जुड़े कारोबारी गणेश अग्रवाल की है। गैंग ने 4 फरवरी की रात को उनसे कार झपटी थी, जब वह फोन पर बात कर रहे थे। गैंग के एक सदस्य ने जबरन कार का दरवाजा खोल दिया था और अंदर घुस गया था। गणेश कुछ पाते, इससे पहले ही दो और लोग मिड़ल सीट पर बैठ गए और पिस्तौल के दम पर उन्हं पीछे खींच लिया। इसके बाद गैंग ने गाड़ी को धौला कुआं की ओर बढ़ाया और रास्ते में उनका पर्स आदि भी छीन लिया। एक ने उनका मोबाइल फोन छीना और उसका सिम निकालकर फेंक दिया।
इसके बाद फर्जी नंबरप्लेट लगाकर गैंग अपराध करता रहा। पूछताछ में जितेंदर् ने आगे बताया कि एक मर्डर के सिलसिले में वह अपने दो साथियों से मिलने वाला है और फिर सिंह और कुमार दोनों शूटर पुलिस की पकड़ में आ गए।
पकड़े जाने के बाद दोनों ने पुलिस को बताया कि मास्टरमाइंड विकास पीके ने उन्हें पिस्तौल और 10-10 गोलियां दी थीं। उन्होंने बताया कि पीके बिजवासन के घर में मिल सकता है। पुलिस ने वहां पहुंचकर इलाके की घेराबदी कर दी लेकिन वह भागने में कामयाब हो गया।
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