नई दिल्ली
किसी इलाके में मोबाइल फोन चोरी या चेन झपटमारी जैसी वारदात होने वाली हो या किसी महिला से छेड़छाड़ जैसी घटना होने वाली हो और पुलिस को इसका अलर्ट पहले ही मिल जाए, क्या ऐसा संभव है? एक बार को नामुमकिन-सी लगने वाली यह बात सच होने जा रही है।
दरअसल, एक खास तरह का सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए तरह-तरह के अपराध, खासतौर से स्ट्रीट क्राइम के बारे में पहले से सावधान किया जा सकेगा। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मधुर वर्मा ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। अभी तक के नतीजे उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। ट्रायल में कामयाब रहने पर इसे लागू कर दिया जाएगा।
यह काम कैसे करेगा? इस बारे में पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह सिस्टम झपटमारी, ठक-ठक गैंग के आतंक, चोरी, लूट और लोगों को कैब में बिठाकर ठगने जैसी खुले में होने वाली वारदातों पर ज्यादा फोकस करेगा। किसी खास थाने के इलाके में रोजाना होने वाली वारदातों का पूरा डेटा इसमें फीड किया जाएगा। वारदात का वक्त, नेचर और उसकी निश्चत जगह भी चिह्नित की जाएगी।
इसमें पिछले कुछ वर्षों का डेटा फीड रहेगा। इसे लगातार अपडेट किया जाएगा। सॉफ्टवेयर अपने आप इस डेटा की स्टडी करेगा और पुलिस को अलर्ट भेजेगा कि फलां जगह, फलां वक्त पर झपटमारी या चोरी हो सकती है। इससे पुलिस को वहां अपराध रोकने में मदद मिल सकेगी।
किसी इलाके में मोबाइल फोन चोरी या चेन झपटमारी जैसी वारदात होने वाली हो या किसी महिला से छेड़छाड़ जैसी घटना होने वाली हो और पुलिस को इसका अलर्ट पहले ही मिल जाए, क्या ऐसा संभव है? एक बार को नामुमकिन-सी लगने वाली यह बात सच होने जा रही है।
दरअसल, एक खास तरह का सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए तरह-तरह के अपराध, खासतौर से स्ट्रीट क्राइम के बारे में पहले से सावधान किया जा सकेगा। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मधुर वर्मा ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। अभी तक के नतीजे उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। ट्रायल में कामयाब रहने पर इसे लागू कर दिया जाएगा।
यह काम कैसे करेगा? इस बारे में पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह सिस्टम झपटमारी, ठक-ठक गैंग के आतंक, चोरी, लूट और लोगों को कैब में बिठाकर ठगने जैसी खुले में होने वाली वारदातों पर ज्यादा फोकस करेगा। किसी खास थाने के इलाके में रोजाना होने वाली वारदातों का पूरा डेटा इसमें फीड किया जाएगा। वारदात का वक्त, नेचर और उसकी निश्चत जगह भी चिह्नित की जाएगी।
इसमें पिछले कुछ वर्षों का डेटा फीड रहेगा। इसे लगातार अपडेट किया जाएगा। सॉफ्टवेयर अपने आप इस डेटा की स्टडी करेगा और पुलिस को अलर्ट भेजेगा कि फलां जगह, फलां वक्त पर झपटमारी या चोरी हो सकती है। इससे पुलिस को वहां अपराध रोकने में मदद मिल सकेगी।
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