नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में इस बार गर्मी में लू के थपेड़े ज्यादा पड़ेंगे। मौसम विज्ञानी इसके पीछे की वजह ‘अल नीनो’ को बता रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग भी अल नीनो के असर से इस साल ज्यादा गर्मी और कमजोर मॉनसून का दावा कर चुका है। मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि अल नीनो का असर मॉनसून की तेजी पर बुरा असर डाल सकता है। हालांकि अभी आकलन हो रहा है और मौसम पर अल नीनो के असर की पूरी रिपोर्ट अप्रैल के इसी हफ्ते में आएगी लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि अल नीनो के शुरुआती असर के कारण ही राजधानी और आसपास के इलाकों में गर्मी ज्यादा पड़ने लगी है। तमिलनाडु, तटीय आंध्र में इसी कारण अभी से लू चलने लगी है।
प्रशांत महासागरीय इलाकों में अगर समुद्र का तापमान बढ़ता है तो अल नीनो इफेक्ट पैदा होता है। इस कारण से प्रशांत महासागर में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा और अरब सागर में बनने वाले बारिश के बादल प्रशांत की ओर खिंचे चले जाएंगे। इससे भारत में मॉनसूनी बारिश कम होगी।
मौसम से जुड़ी प्राइवेट एजेंसी ‘स्काइमेट’ के चीफ मेट्रलॉजिस्ट महेश पलावत कहते हैं कि इस बार मई-जून में दिल्ली-एनसीआर में तापमान 45 डिग्री से अधिक रहेगा। हालांकि प्री-मॉनसून सीजन में बीच-बीच में अच्छी बारिश होगी, जो लोगों को लू से आंशिक तौर पर राहत दिलाती रहेगी। मॉनसून दिल्ली में सामान्य से कम रहेगा। इस वजह से उमस भी परेशानियां बढ़ाएगी।
3 अप्रैल से फिर बढ़ेगा पारा, चलेगी लू
3 अप्रैल से एक बार फिर जबर्दस्त गर्मी की संभावना जताई जा रही है। बीते शनिवार की शाम को तेज हवाएं और हल्की बूंदाबांदी के बाद रविवार को गर्मी का प्रकोप कुछ कम रहा, लेकिन सोमवार से तापमान फिर बढ़ने लगेगा। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार शाम को हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रही। जम्मू कश्मीर के पास बने वेस्टर्न डिस्टरबेंस और उत्तरी राजस्थान और इससे सटे हरियाणा पर बने एक चक्रवती क्षेत्र के कारण दिल्ली व आसपास के मौसम में यह बदलाव हुआ था लेकिन अब यह सिस्टम पूर्वी दिशा में आगे बढ़ गया है। इसके चलते अब दिल्ली एनसीआर में किसी मौसमी हलचल की उम्मीद नहीं है। तापमान की बात करें तो रविवार को अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री रहा जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 21 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। पालम सबसे गर्म एरिया रहा जहां तापमान 36 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार को तापमान 33 और 19 डिग्री रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक तापमान में कुछ कमी रहेगी। यह 33 से 34 डिग्री के बीच रहेगा, लेकिन इसके बाद 3 अप्रैल से इसमें वृद्धि होगी और यह एक बार फिर 36 से 38 डिग्री के बीच पहुंच सकता है।
आर्थिक स्थिति पर असर
मॉनसून और अल नीनो का सीधा संबंध भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। इसका सबसे पहला असर गांवों और किसानों पर पड़ता है। अल नीनो कमजोर है और मॉनसून अच्छा होता है तो गांवों में किसान सहित सभी की आमदनी बढ़ती है। मांग में तेजी आती है। कारोबार में भी फायदा होता है। महंगाई से राहत मिलती है।
इसलिए खतरनाक है
अल नीनों के कारण 1871 से अब तक 6 सबसे बड़े सूखे
2009 में इसका सबसे ज्यादा असर दिखा
2016 में पिछला अल नीनो खत्म हुआ, असर दो साल रहा
2015-16 में लू से पूरे भारत में 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई
दिल्ली-एनसीआर में इस बार गर्मी में लू के थपेड़े ज्यादा पड़ेंगे। मौसम विज्ञानी इसके पीछे की वजह ‘अल नीनो’ को बता रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग भी अल नीनो के असर से इस साल ज्यादा गर्मी और कमजोर मॉनसून का दावा कर चुका है। मौसम विज्ञानियों ने कहा है कि अल नीनो का असर मॉनसून की तेजी पर बुरा असर डाल सकता है। हालांकि अभी आकलन हो रहा है और मौसम पर अल नीनो के असर की पूरी रिपोर्ट अप्रैल के इसी हफ्ते में आएगी लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि अल नीनो के शुरुआती असर के कारण ही राजधानी और आसपास के इलाकों में गर्मी ज्यादा पड़ने लगी है। तमिलनाडु, तटीय आंध्र में इसी कारण अभी से लू चलने लगी है।
प्रशांत महासागरीय इलाकों में अगर समुद्र का तापमान बढ़ता है तो अल नीनो इफेक्ट पैदा होता है। इस कारण से प्रशांत महासागर में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा और अरब सागर में बनने वाले बारिश के बादल प्रशांत की ओर खिंचे चले जाएंगे। इससे भारत में मॉनसूनी बारिश कम होगी।
मौसम से जुड़ी प्राइवेट एजेंसी ‘स्काइमेट’ के चीफ मेट्रलॉजिस्ट महेश पलावत कहते हैं कि इस बार मई-जून में दिल्ली-एनसीआर में तापमान 45 डिग्री से अधिक रहेगा। हालांकि प्री-मॉनसून सीजन में बीच-बीच में अच्छी बारिश होगी, जो लोगों को लू से आंशिक तौर पर राहत दिलाती रहेगी। मॉनसून दिल्ली में सामान्य से कम रहेगा। इस वजह से उमस भी परेशानियां बढ़ाएगी।
3 अप्रैल से फिर बढ़ेगा पारा, चलेगी लू
3 अप्रैल से एक बार फिर जबर्दस्त गर्मी की संभावना जताई जा रही है। बीते शनिवार की शाम को तेज हवाएं और हल्की बूंदाबांदी के बाद रविवार को गर्मी का प्रकोप कुछ कम रहा, लेकिन सोमवार से तापमान फिर बढ़ने लगेगा। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार शाम को हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रही। जम्मू कश्मीर के पास बने वेस्टर्न डिस्टरबेंस और उत्तरी राजस्थान और इससे सटे हरियाणा पर बने एक चक्रवती क्षेत्र के कारण दिल्ली व आसपास के मौसम में यह बदलाव हुआ था लेकिन अब यह सिस्टम पूर्वी दिशा में आगे बढ़ गया है। इसके चलते अब दिल्ली एनसीआर में किसी मौसमी हलचल की उम्मीद नहीं है। तापमान की बात करें तो रविवार को अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री रहा जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 21 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। पालम सबसे गर्म एरिया रहा जहां तापमान 36 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार को तापमान 33 और 19 डिग्री रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक तापमान में कुछ कमी रहेगी। यह 33 से 34 डिग्री के बीच रहेगा, लेकिन इसके बाद 3 अप्रैल से इसमें वृद्धि होगी और यह एक बार फिर 36 से 38 डिग्री के बीच पहुंच सकता है।
आर्थिक स्थिति पर असर
मॉनसून और अल नीनो का सीधा संबंध भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। इसका सबसे पहला असर गांवों और किसानों पर पड़ता है। अल नीनो कमजोर है और मॉनसून अच्छा होता है तो गांवों में किसान सहित सभी की आमदनी बढ़ती है। मांग में तेजी आती है। कारोबार में भी फायदा होता है। महंगाई से राहत मिलती है।
इसलिए खतरनाक है
अल नीनों के कारण 1871 से अब तक 6 सबसे बड़े सूखे
2009 में इसका सबसे ज्यादा असर दिखा
2016 में पिछला अल नीनो खत्म हुआ, असर दो साल रहा
2015-16 में लू से पूरे भारत में 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई
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