Thursday, February 28, 2019

एक वाई-फाई यूजरनेम ने फैला दी इलाके में दहशत

सिद्धार्थ भारद्वाज, नई दिल्ली
वाई-फाई यूजरनेम ने एक इलाके में हड़कंप मचा दिया। रात को घर लौटकर 34 साल के सॉफ्टवेयर इंजिनियर ने जब वाई-फाई नेटवर्क चेक किए तो उनके होश फाख्ता हो गए। नेटवर्क लिस्ट में एक था- 'Join Hizbul Mujahideen'(जॉइन हिज्बुल मुजाहिदीन)। लिस्ट देखकर उन्हें लगा कि कुछ गलत पढ़ रहे हैं, लेकिन लिस्ट रिफ्रेश करने पर उन्हें लिस्ट में फिर वही नाम दिखा।

इंजिनियर ने लिस्ट रिफ्रेश करने के बाद फोन स्विच ऑफ कर दिया। फोन दोबारा ऑन करने पर भी नेटवर्क लिस्ट में वह नाम मौजूद था। इसके बाद उन्होंने पीसीआर कॉल की और पुलिस को जानकारी दी। मामला रविवार रात का है। शख्स ने पुलिस को बताया कि उनके इलाके में ऐसा वाई-फाई नेटवर्क मिल रहा है, लेकिन वह यह नहीं जानते कि कौन इस यूजरनेम का इस्तेमाल कर रहा है।

शिकायतकर्ता के अड्रेस पर पहुंची पुलिस और पाया कि उनके फोन्स पर भी वह वाई-फाई यूजरनेम रिफ्लेक्ट हो रहा था। रात का समय था, पुलिस ने जांच कर पता लगाने की कोशिश की कि यूजरनेम किसका हो सकता है लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। पुलिस ने फिर साइबर सेल को मामले की जानकारी दी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भी नोटिफाइ किया गया।

मामले की जांच करने वाले अधिकारियों ने बताया कि पहले उन्होंने एक रेडियस तैयार किया, जहां वह वाई-फाई यूजरनेम नेटवर्क लिस्ट में शओ कर रहा था। उसी के आधार पर एक मैप बनाया गया और उतने एरिया में अड्रेस लिस्ट को अगले दिन शॉर्टलिस्ट किया गया। इसके बाद उस रेडियस में वाई-फाई यूजर्स के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की गई।

इसी बीच पुलिस ने लोकल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स(LISPs) से भी संपर्क किया, ताकि उनके ग्राहकों के बारे में पता लगाया जा सके। जांच के दौरान पुलिस को इलाके में एक टेलिकॉम शॉप का पका लगा, जिसके मालिक का नाम गुलशन तिवारी है।

60 साल के गुलशन ने पुलिस को बताया कि उनकी दुकान में 26 नवंबर को वाई-फाई लगाया गया था और वह उसका इस्तेमाल करना भी नहीं जानते, उन्हें टेक्नॉलजी की ज्यादा जानकारी नहीं।

पूरा मामला तब खुला जब गुलशन के छोटे बेटे ने पुलि को बताया कि उसी ने फैमिली वाई-फाई नेटवर्क यूजरनेम सेट किया था। 25 साल के बेटे ने बताया कि जब वाई-फाई इन्स्टॉल किया गया था, बहुत से लोग उनका कनेक्शन यूज करते थे, जिससे वह तंग आ गया था। इसी वजह से उसने सोचा कि यूजरनेम ऐसा रखा जाए जिससे लोग डरें। बस यही सोचकर उसने 'जॉइन हिज्बुल मुजाहिदीन' नाम रख दिया ताकि पड़ोसी उसके इस्तेमाल से डरें।

द्वारका डीसीपी ऐंटो अल्फोंस ने कहा कि मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है क्योंकि इस यूजरनेम के इस्तेमाल से किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि का पता नहीं चला है। पुलिस ने परिवार से आग्रह किया है कि वे यूजरनेम बदल लें।

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