नई दिल्ली
करोल बाग के देव नगर में आज सुबह एक चार मंजिला पुरानी इमारत ढह गई। गनीमत यह बताई जा रही है कि उस समय तक बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर की कोई दुकान नहीं खुली थी। ऊपर वाले तीन फ्लोर पर बने गोदाम और कारखाने भी नहीं खुले थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हादसा 8 बजकर 40 मिनट पर हुआ। शुक्र यह रहा कि बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर की दुकानें और गोदाम 10 बजे तक खुलते हैं। इसलिए हादसे में किसी के चपेट में आने की आशंका नहीं है। बताया जा रहा है कि गिरने से पहले बिल्डिंग कुछ मिनटों के लिए एक तरफ झुक गई थी, उस बीच कुछ लोग खतरे की जद से बाहर निकलने में कामयाब रहे। इसलिए यह आशंका कम है कि बिल्डिंग के मलबे में ज्यादा लोग दबे हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि रात में बिल्डिंग में कोई रुकता नहीं था। फिर भी बचाव कार्य करने वाली एजेंसियां किसी के दबे होने की आशंका से सावधानी से मलबा हटाने का काम कर रही हैं। खबर लिखे जाने तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली थी।
कुछ समय से दरार बढ़ रही थी
हादसा देव नगर में पदम सिंह रोड पर 7 ब्लॉक में हुआ। बताया जा रहा है कि यह चार मंजिला इमारत 40 साल से ज्यादा पुरानी थी। उसमें नीचे सारी दुकानें थीं। ऊपर की मंजिलों पर कई गोदाम और कुछ कारखाने चलते थे। आसपास के लोगों का कहना है कि बिल्डिंग में कुछ समय से दरार नजर आ रही थी, जो लगातार बढ़ती जा रही थी।
नगर निगम पर आरोप
लोग हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पड़ोसियों का कहना है कि बिल्डिंग के डेंजर होते हुए भी निगम के संबंधित अधिकारी बेपरवाह थे। लोग जोखिम उठाकर उसमें काम-धंधा करते रहे। गनीमत रही कि जिस समय बिल्डिंग गिरी, दुकानें या गोदाम खुलने का समय नहीं हुआ था। बिल्डिंग एक तरफ झुकने की वजह से भी लोगों को बचाव का मौका मिल गया। गोदाम और दुकानों में रात तक कर्मी और मजदूर काम करते थे, फिर चले जाते थे। हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है, इस बारे में पुलिस का कहना है कि जांच जारी है। लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
करोल बाग के देव नगर में आज सुबह एक चार मंजिला पुरानी इमारत ढह गई। गनीमत यह बताई जा रही है कि उस समय तक बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर की कोई दुकान नहीं खुली थी। ऊपर वाले तीन फ्लोर पर बने गोदाम और कारखाने भी नहीं खुले थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हादसा 8 बजकर 40 मिनट पर हुआ। शुक्र यह रहा कि बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर की दुकानें और गोदाम 10 बजे तक खुलते हैं। इसलिए हादसे में किसी के चपेट में आने की आशंका नहीं है। बताया जा रहा है कि गिरने से पहले बिल्डिंग कुछ मिनटों के लिए एक तरफ झुक गई थी, उस बीच कुछ लोग खतरे की जद से बाहर निकलने में कामयाब रहे। इसलिए यह आशंका कम है कि बिल्डिंग के मलबे में ज्यादा लोग दबे हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि रात में बिल्डिंग में कोई रुकता नहीं था। फिर भी बचाव कार्य करने वाली एजेंसियां किसी के दबे होने की आशंका से सावधानी से मलबा हटाने का काम कर रही हैं। खबर लिखे जाने तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली थी।
कुछ समय से दरार बढ़ रही थी
हादसा देव नगर में पदम सिंह रोड पर 7 ब्लॉक में हुआ। बताया जा रहा है कि यह चार मंजिला इमारत 40 साल से ज्यादा पुरानी थी। उसमें नीचे सारी दुकानें थीं। ऊपर की मंजिलों पर कई गोदाम और कुछ कारखाने चलते थे। आसपास के लोगों का कहना है कि बिल्डिंग में कुछ समय से दरार नजर आ रही थी, जो लगातार बढ़ती जा रही थी।
नगर निगम पर आरोप
लोग हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पड़ोसियों का कहना है कि बिल्डिंग के डेंजर होते हुए भी निगम के संबंधित अधिकारी बेपरवाह थे। लोग जोखिम उठाकर उसमें काम-धंधा करते रहे। गनीमत रही कि जिस समय बिल्डिंग गिरी, दुकानें या गोदाम खुलने का समय नहीं हुआ था। बिल्डिंग एक तरफ झुकने की वजह से भी लोगों को बचाव का मौका मिल गया। गोदाम और दुकानों में रात तक कर्मी और मजदूर काम करते थे, फिर चले जाते थे। हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है, इस बारे में पुलिस का कहना है कि जांच जारी है। लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
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