Tuesday, February 26, 2019

पूर्ण राज्य होता तो पास हो गया होता लोकपालः मनीष

नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया होता तो यहां लोकपाल बिल पारित कर दिया गया होता। सिसोदिया के दावे को सीएम अरविंद केजरीवाल ने समर्थन दिया है। केजरीवाल ने इस दौरान कहा कि दिल्ली फिलहाल अर्द्ध राज्य होने की चुनौती का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आयकर का भुगतान कर रहे हैं और दिल्ली को केंद्र से मात्र 534 करोड़ रुपये मिले।

सीएम केजरीवाल ने इस दौरान कहा मुंबई के बाद दिल्ली सबसे ज्यादा आयकर का भुगतान करती है लेकिन उसे केंद्र से मात्र 534 करोड़ रुपये मिलते हैं जबकि उत्तर प्रदेश को 1.5 लाख करोड़ रुपये मिलते हैं और कुछ राज्यों को तो 10 लाख करोड़ रुपये मिलते हैं। उन्होंने इसे 'उत्पीड़न' बताया और कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य बन जाए तो यह समाप्त हो जाएगा। बता दें कि केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वह दिल्ली को पूर्ण राज्य की मांग को लेकर 1 मार्च से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे लेकिन उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात के परिप्रेक्ष्य में इसे स्थगित कर दिया।

जब सिसोदिया से पूछा गया कि पांच वर्ष में उनका सबसे बड़ा खेद क्या है तो उन्होंने जवाब दिया कि वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिला सके। सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा कि दिल्ली को यदि पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया होता तो भ्रष्टाचार जड़ से समाप्त हो गया होता। उन्होंने कहा, 'यदि दिल्ली एक पूर्ण राज्य होता तो सरकार बनने के दो महीने के भीतर लोकपाल विधेयक दिल्ली में पारित हो गया होता। जिसके लिए देश ने एक बड़ा आंदोलन देखा था।

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