डीएम ने एसडीएम सदर और तहसीलदार से जांच कराई। शिकायत सच पाई गई। साक्ष्य के आधार पर तय हो गया कि जमीन नगर निगम की है। डीएम ने नगर आयुक्त को पत्र भेज जमीन खाली कराने के निर्देश दिए।
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