नई दिल्ली
दिल्ली की हवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है और गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी वायु गुणवत्ता गंभीर रही। इसके चलते पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाना पड़ा। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त ईपीसीए ने संबंधित प्रशासन को निर्देश दिया कि शहर में गंभीर प्रदूषण के चलते ट्रकों को शुक्रवार ग्यारह बजे रात से शनिवार ग्यारह बजे रात तक दिल्ली में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।
दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों -उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में ईपीसीए प्रमुख भूरेलाल ने उन्हें इस दौरान दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोकने का निर्देश दिया। आवश्यक वस्तुओं के ट्रक उसके अपवाद होंगे। ईपीसीए का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु गुणवत्ता के आलोक में किया गया है।
इस सीजन में ऐसा दूसरी बार होगा कि ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाएगी। इससे पहले एक नवंबर से 12 नवंबर तक ऐसा किया गया था जब वायु गुणवत्ता काफी बिगड़ गई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार शहर में संपूर्ण वायु गुणवत्ता सूचकांका 443 रहा जो गंभीर श्रेणी में आता है। शहर के 30 क्षेत्रों में गंभीर वायु गुणवत्ता रही जबकि तीन में यह बहुत खराब रहा। गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा में भी गंभीर वायु गुणवत्ता रही।
दिल्ली की हवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है और गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी वायु गुणवत्ता गंभीर रही। इसके चलते पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाना पड़ा। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त ईपीसीए ने संबंधित प्रशासन को निर्देश दिया कि शहर में गंभीर प्रदूषण के चलते ट्रकों को शुक्रवार ग्यारह बजे रात से शनिवार ग्यारह बजे रात तक दिल्ली में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।
दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों -उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में ईपीसीए प्रमुख भूरेलाल ने उन्हें इस दौरान दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोकने का निर्देश दिया। आवश्यक वस्तुओं के ट्रक उसके अपवाद होंगे। ईपीसीए का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु गुणवत्ता के आलोक में किया गया है।
इस सीजन में ऐसा दूसरी बार होगा कि ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाएगी। इससे पहले एक नवंबर से 12 नवंबर तक ऐसा किया गया था जब वायु गुणवत्ता काफी बिगड़ गई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार शहर में संपूर्ण वायु गुणवत्ता सूचकांका 443 रहा जो गंभीर श्रेणी में आता है। शहर के 30 क्षेत्रों में गंभीर वायु गुणवत्ता रही जबकि तीन में यह बहुत खराब रहा। गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा में भी गंभीर वायु गुणवत्ता रही।
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