Wednesday, December 26, 2018

सैनिक फार्म लूट: लूट के बाद मस्ती करने गए थे जीबी रोड

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
साउथ दिल्ली के सैनिक फार्म इलाके की एक कोठी में 22-23 दिसंबर की रात हुई लूट की वारदात में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। खास बात है कि इसी कोठी में स्वीपर का काम करने वाला शख्स मास्टरमाइंड निकला। उसी ने लूट के लिए अपने साले को सूचना दी थी, जिसके बाद पूरी साजिश रची गई। यही नहीं, लूट को अंजाम देने के बाद लुटेरे मौज के लिए दिल्ली के रेड लाइट एरिया जीबी रोड भी गए थे। बता दें कि इस मामले में नेब सराय थाना पुलिस की ओर से लापरवाही बरतने पर तीन पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया था।

डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि मामले में गिरफ्तार किए गए मुलजिमों में जावेद उर्फ रिंकू, रोहित, ललित उर्फ बाबा, पंकज, सचिन उर्फ खिलाड़ी, सूरज और राजपाल हैं। इनमें राजपाल वारदात वाली कोठी में स्वीपर था जबकि जावेद 2015 में लूट के मामले में ही तिहाड़ से भाग चुका था।

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लूट को अंजाम देने के लिए पांच लुटेरे ऑटो में बैठकर आए थे। ऑटो सूरज का था तो वह ऑटो के पास ही रहा जबकि जावेद, पंकज, सचिन और ललित हथियार लेकर कोठी के अंदर घुसे थे। गेट की दीवार से कूदते ही इन्हें कोठी के अंदर गार्ड रूम में गार्ड रमेश मिला था। वह यहां कुक का भी काम करता है। कोठी सीनियर सिटिजन दीपक हांडा (70)और इनकी पत्नी किरण (68) की है। इनकी दो शादीशुदा बेटियां हैं। एक जीके में और दूसरी ऑस्ट्रेलिया में रहती है। उस दिन कोठी में गार्ड-कुक रमेश, दूसरा गार्ड सुनील और कोठी मालकिन किरण ही थीं जबकि रमेश किसी काम से कोलकाता में थे। इनकी टेक्स्टाइल मिल है। कोठी में घुसते ही लुटेरों ने रमेश के हाथ-पैर बांध दिए थे और वहीं से कपड़ा लेकर उसके मुंह में ठूस दिया था। कोठी के अंदर जाकर इन्होंने दरवाजा तोड़ा, तभी वहां सुनील मिला। उसे भी इन्होंने अपने अंडर में ले लिया। तभी बुजुर्ग किरण वहां आ गईं। सुनील की गर्दन पर चाकू रखा गया और किरण के सिर पर रिवॉल्वर। किरण को लुटेरों ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने कुछ आनाकानी की तो उनके साथ कुछ और भी गलत किया जा सकता है।

करीब 45 मिनट तक लुटेरों ने घर में लूट की। इस दौरान दो लाख रुपये से अधिक का कैश और लाखों रुपयों की जूलरी और महंगी शराब की 19 बोतलें एक थैले में भरी गईं। हालांकि शराब का वजन अधिक होने से बाद में उसे पास में ही छोड़ दिया गया था। बताया जाता है कि जिस गार्ड रमेश के हाथ-पैर बांधे गए थे, वह किसी तरह से नेब सराय थाने पहुंच गया था। कोठी थाने से चंद कदमों की दूरी पर है। वहां उसने पुलिस से लुटेरों के बारे में बताया भी, लेकिन थाना पुलिस ने उसकी बातों पर यकीन नहीं किया। उलटा उसे नशे में बताते हुए थप्पड़ भी जड़ दिया था।

बाद में एक हवलदार और एक सिपाही सादे कपड़ों में कोठी में पहुंचे भी, लेकिन लुटेरों ने उन्हें पिस्टल दिखा दी। वे डरकर थाने आए और जब तक पुलिस फोर्स के साथ वापस कोठी तक पहुंचे, लुटेरे भाग चुके थे। इस मामले में इन दोनों पुलिसकर्मियों समेत थाने के ड्यूटी ऑफिसर को भी सस्पेंड किया गया था। पुलिस ने इनके पास से लूटी गई रकम से 40 हजार रुपये और अन्य सामान बरामद किया है।

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