Friday, November 30, 2018

'पाठ्यक्रम में शामिल होगा रेजांगला का इतिहास, चीन ने भी माना था पराक्रम'

जांगला युद्ध में शहादत देने वाले सर्वाधिक जवान हमारे क्षेत्र की ही माटी के थे इसलिए उन्हें सम्मान देना हमारा कर्तव्य है। चीन ने भी इस युद्ध के बाद भारतीय सेना के पराक्रम को माना था।
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