नई दिल्ली
पिछले कुछ महीनों में दिल्ली और एनसीआर के लोगों को सांस लेने में भले ही दिक्कतों का सामना करना पड़ा हो, लेकिन जानकारों की मानें तो इसबार हवा पिछले दो सालों के मुकाबले साफ रही है। इसके पीछे प्रशासन द्वारा उठाए गए कुछ कदमों और मौसम के बदलाव को वजह माना जा रहा है। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की प्रदूषण मापने की इकाई एयर क्वॉलिटी (AQI) में इस साल के आंकड़े पिछले दो सालों के मुकाबले बेहतर दिख रहे हैं।
अक्टूबर 2018 की बात करें तो इसमें औसत AQI 268.6 रहा जो 2017 के 284.9 और 2016 के 270.9 से कुछ बेहतर है। वहीं नवंबर में औसत AQI 334.9 रहा जो कि पिछले दो सालों के मुकाबले काफी बेहतर माना जाएगा। यह 2017 के नवंबर में 360.9 और 2016 में 374.06 था। नवंबर में सुधार दिवाली पड़ने के बावजूद देखने को मिला। जबकि पिछले दोनों बार दिवाली अक्टूबर में थी।
इतना ही नहीं, 2018 के नवंबर में सबसे ज्यादा AQI 426 रहा जो नवंबर 2017 के 486 और 2016 के 497 के काफी बेहतर कहा जाएगा। बता दें कि AQI में 100 से कम को सुरक्षित, 100-200 को ठीकठाक, 200-300 को खराब, 300-400 को बहुत खराब और 400 या उससे ऊपर को खतरनाक माना जाता है।
उठाए गए कदमों का फायदा
CPCB के अधिकारी मानते हैं कि नवंबर की शुरुआत में उठाए गए कुछ कदमों की वजह से इस साल फायदा मिला। अधिकारी, पहले से बेहतर स्थिति के पीछे निर्माण कार्यों पर लगी रोक, दिल्ली में ट्रको की एंट्री पर लगी रोक आदि को वजह मानते हैं। इतना ही नहीं ईस्टर्न, सदर्न और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस को भी बेहतर हालात के लिए वजह माना जा रहा है, क्योंकि इससे हवा का फ्री फ्लो रहा।
पिछले कुछ महीनों में दिल्ली और एनसीआर के लोगों को सांस लेने में भले ही दिक्कतों का सामना करना पड़ा हो, लेकिन जानकारों की मानें तो इसबार हवा पिछले दो सालों के मुकाबले साफ रही है। इसके पीछे प्रशासन द्वारा उठाए गए कुछ कदमों और मौसम के बदलाव को वजह माना जा रहा है। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की प्रदूषण मापने की इकाई एयर क्वॉलिटी (AQI) में इस साल के आंकड़े पिछले दो सालों के मुकाबले बेहतर दिख रहे हैं।
अक्टूबर 2018 की बात करें तो इसमें औसत AQI 268.6 रहा जो 2017 के 284.9 और 2016 के 270.9 से कुछ बेहतर है। वहीं नवंबर में औसत AQI 334.9 रहा जो कि पिछले दो सालों के मुकाबले काफी बेहतर माना जाएगा। यह 2017 के नवंबर में 360.9 और 2016 में 374.06 था। नवंबर में सुधार दिवाली पड़ने के बावजूद देखने को मिला। जबकि पिछले दोनों बार दिवाली अक्टूबर में थी।
इतना ही नहीं, 2018 के नवंबर में सबसे ज्यादा AQI 426 रहा जो नवंबर 2017 के 486 और 2016 के 497 के काफी बेहतर कहा जाएगा। बता दें कि AQI में 100 से कम को सुरक्षित, 100-200 को ठीकठाक, 200-300 को खराब, 300-400 को बहुत खराब और 400 या उससे ऊपर को खतरनाक माना जाता है।
उठाए गए कदमों का फायदा
CPCB के अधिकारी मानते हैं कि नवंबर की शुरुआत में उठाए गए कुछ कदमों की वजह से इस साल फायदा मिला। अधिकारी, पहले से बेहतर स्थिति के पीछे निर्माण कार्यों पर लगी रोक, दिल्ली में ट्रको की एंट्री पर लगी रोक आदि को वजह मानते हैं। इतना ही नहीं ईस्टर्न, सदर्न और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस को भी बेहतर हालात के लिए वजह माना जा रहा है, क्योंकि इससे हवा का फ्री फ्लो रहा।
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