Friday, October 26, 2018

कांचा इलैया की किताब पर रोक, DU में बवाल

नई दिल्ली
दिल्ली यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के पीजी कोर्स में लेखक कांचा इलैया की किताबों पर रोक लगाने के फैसले का टीचर्स ने विरोध किया है। टीचर्स ने मांग की है कि स्टैंडिंग कमिटी में कांचा इलैया, शेपहर्ड और नंदिनी सुंदर की किताबों के कंटेंट पर लगे सवाल पर फिर चर्चा की जाए। एसी मेंबर और पॉलिटिकल साइंस टीचर डॉ नचिकेता सिंह ने कहा है कि स्टैंडिंग कमिटी की मीटिंग में मैंने इसका विरोध किया।

अकैडमिक मामलों की इस स्टैंडिंग कमिटी को मेरिट के हिसाब से किताबों, रीडिंग पर फैसला लेना चाहिए। सिर्फ विवादस्पद टाइटल या टिप्पणियों की वजह से यह फैसला लेना गलत है। डॉ नचिकेता स्टैंडिंग कमिटी के मेंबर भी हैं और एसी में भी इस ऐतराज को नंवबर में रखा जाएगा।

डीयू की अकैडमिक अफेयर्स की स्टैडिंग कमेटी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस से ‘दलित’ शब्द को हटाने की भी सिफारिश की गई है। नवंबर में होने वाली अकैडमिक काउंसिल की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। स्टैडिंग कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि बैठक में सबसे ज्यादा बहस पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस को लेकर ही हुई है, जिसमें कांचा इलैया की तीन पुस्तकें शामिल हैं। बीते दिनों इन पर गंभीर आरोप लगने के बाद इनकी सिलेबस से हटाने का फैसला लिया गया। इन पुस्तकों में वाय आई एम नॉट ए हिंदू, पोस्ट हिंदू इंडिया शामिल हैं।

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