Saturday, October 27, 2018

बांग्लादेशी, रोहिंग्या और चोरों की पहचान कल से

नई दिल्ली
दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी, रोहिंग्या और चोर-उचक्कों की पहचान करने के लिए पुलिस कुछ इलाकों का डोर-टु-डोर सर्वे करेगी। यह काम साउथ-वेस्ट दिल्ली के आर.के. पुरम थाना इलाके से सोमवार से शुरू किया जाएगा। सर्वे के लिए चार झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर की पहचान की गई है, जहां पुलिस को चोरी, झपटमारी और सेंधमारी के मामलों में पकड़े गए आरोपियों के सबसे अधिक रहने की बात पता चली है।

इस मामले पर डीसीपी देवेंद्र आर्य ने बताया, 'हम सर्वे कर रहे हैं। यह बहुत ही जरूरी है। हमें उम्मीद है कि सर्वे पूरा होने के बाद इसके काफी सकारात्मक पहलू सामने आएंगे।' एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से आर.के. पुरम थाना इलाके में घरों और ऑफिसों में चोरी और सेंधमारी की काफी वारदातें हो रही हैं। साथ ही इलाके में बसों में चलने वाले यात्रियों के साथ भी लूटमार और जेबतराशी की काफी घटनाएं सामने आ रही हैं।

बढ़ती चोरियों और जेबतराशी की घटनाओं को देखते हुए शुक्रवार को डीसीपी थाने पहुंचे। उन्होंने तमाम बीट अफसर और एसएचओ की क्लास ली। उन्होंने कहा कि इस तरह की वारदातों को हर हाल में रोका जाना चाहिए। उन्हें बताया गया कि अभी तक चोरी, सेंधमारी, झपटमारी और जेबतराशी की जितनी भी घटनाएं इलाके में हुई हैं उसमें अधिकतर आरोपी आंबेडकर बस्ती, केडी बस्ती, एकता कैंप और संजय कैंप के रहने वाले निकले हैं।

इसके बाद डीसीपी ने आदेश दिया कि इन तमाम झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों का डोर-टु-डोर सर्वे किया जाए। इसके लिए एक रजिस्टर मेंटेन किया जाएगा। हर घर में जाकर यह पता लगाया जाएगा कि उस घर में कितने लोग रहते हैं। उनकी कमाई का जरिया क्या है। उनके पास कितने वीकल हैं। वीकल किस-किस के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा, इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों से यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या वे भारतीय हैं। अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं का भी पता लगाया जाएगा। इसके लिए जो रजिस्टर मेंटेन किया जाएगा उसे एनआरसी रजिस्टर से जोड़े जाने की बात से पुलिस अधिकारियों ने इनकार किया है।

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