Thursday, October 25, 2018

लाभ का पद: खारिज की याचिका, आप को राहत

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) को राहत देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कथित लाभ के पद को लेकर दिल्ली के उसके 27 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य करार देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। शहर के कई अस्पतालों से जुड़ी रोगी कल्याण समितियों के प्रमुखों के रूप में नियुक्ति के बाद विधायकों पर लाभ के पद पर होने का आरोप लगा था।

राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग द्वारा 10 जुलाई को दी गई एक राय के आधार पर 15 अक्टूबर को आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए याचिका खारिज कर दी। चुनाव आयोग ने 21 जून, 2016 को विभोर आनंद द्वारा दायर की गई याचिका में कुछ नहीं पाया। याचिका में दावा किया गया था कि आप के 27 विधायक इन अस्पतालों के रोजाना के प्रशासन में हस्तक्षेप की स्थिति में हैं और इस तरह ये लाभ के पद हैं। याचिका में यह भी दावा किया गया था कि मई, 2015 में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने सभी सरकारी अस्पतालों को समिति के प्रमुख को कार्यालय स्थल मुहैया कराने के निर्देश दिए थे, यह भी लाभ के पद कानून के प्रावधान के तहत आता है।

चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को दी गई अपनी राय में कहा था, 'यह पाया गया कि दिल्ली विधानसभा सदस्य अधिनियम, 1997 की अनुसूची के 14वें विषय (अयोग्यता हटाना) के तहत, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार के अस्पतालों में रोगी कल्याण समितियों के प्रमुखों के पद छूट वाली श्रेणी में आते हैं और इसलिए आयोग का मानना है कि प्रतिवादी लाभ का पद रखने के लिए अयोग्य करार नहीं दिए जाते।'

इस तरह की याचिकाएं राष्ट्रपति के पास भेजी जाती हैं जो उन्हें चुनाव आयोग के पास भेज देते हैं। इसके बाद आयोग अपनी राय देता है जिसके आधार पर राष्ट्रपति आदेश जारी करते हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 26 अप्रैल को जारी किए गए एक आदेश के मुताबिक रोगी कल्याण समितियां परामर्श देने का काम करती हैं जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं, रणनीतियां बनाने आदि में मदद मिलेगी। इसमें कहा गया है कि हर ‘एसेंबली रोगी कल्याण समिति’ को अनुदान के तौर पर सालाना तीन लाख रुपये मुहैया कराए जाएंगे।

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