नई दिल्ली
अगर आपको दिवाली पर घर जाने के लिए रेल टिकट नहीं मिला है तो इसकी वजह दिल्ली-एनसीआर के सक्रिय दलाल ही हैं। ई -टिकटों के जरिये एक-एक फोन नंबर पर ये दलाल सैकड़ों टिकट बुक करवा रहे हैं और फिर जरूरतमंदों को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं।
उत्तर रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे दलालों के खिलाफ करवाई जारी है। मंगलवार को ही ऐसी दो बड़ी कार्रवाई हुई है। आरपीएफ के साथ मिलकर आईआरसीटीसी की मदद से 119 ई-टिकटें सीज की गईं। 4 लाख रुपये की ये टिकटें एक ही मोबाइल नंबर पर बुक हुई थीं। इस नंबर से करीब 547 फेक आईडी बनाई गई थीं। जून 2014 से अब तक इन आईडी पर 7549 ई-टिकटें बुक की जा चुकी हैं, जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है।
दिवाली और फिर छठ पर टिकटों की काफी अधिक डिमांड रहती है। खासकर यूपी, बिहार और पूर्वी राज्यों की ट्रेनों में पैसेंजर्स को रिजर्वेशन भी नहीं मिलता। स्पेशल ट्रेनों में भी यही हाल होता है। उत्तर रेलवे का दावा है कि इस बार आम लोगों को आसानी से टिकट मिले इसके लिए चेकिंग ड्राइव चलाई जा रही है। इसके बावजूद ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट 200 से 300 और इससे भी अधिक चल रही है।
इस मामले में 29 साल के नवनीत प्रजापति को तुगलकाबाद एक्सटेंशन से अरेस्ट किया गया है। नवनीत आधार केंद्र का सेंटर चलाता था और इससे पहले भी सीबीआई बेंगलुरु की टीम ने उसे अरेस्ट किया है। इन सभी 547 अकाउंट को सीज कर दिया गया है।
एक अन्य मामले में अमित चोपड़ा को गुरुग्राम से अरेस्ट किया गया है। ये बाराखंभा में ट्रैवल्स पाल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से टिकटों की अवैध बुकिंग कर रहे थे। अमित के पास से 1,35,840 लाख रुपये की 39 टिकटें मिली हैं। ये टिकट 5 फर्जी आईडी से बुक करवाए गए थे। इनमें से ज्यादातर टिकट विदेशी लोगों के लिए बुक किए गए हैं। बीते 4 सालों में इन फेक आईडी से 12,59,215 रुपए के टिकट बुक करवाए गए।
डीआरएम आर एन सिंह ने अनुसार, दलालों को रोकने के लिए लगातार छापेमारी हो रही है। लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है।
अगर आपको दिवाली पर घर जाने के लिए रेल टिकट नहीं मिला है तो इसकी वजह दिल्ली-एनसीआर के सक्रिय दलाल ही हैं। ई -टिकटों के जरिये एक-एक फोन नंबर पर ये दलाल सैकड़ों टिकट बुक करवा रहे हैं और फिर जरूरतमंदों को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं।
उत्तर रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे दलालों के खिलाफ करवाई जारी है। मंगलवार को ही ऐसी दो बड़ी कार्रवाई हुई है। आरपीएफ के साथ मिलकर आईआरसीटीसी की मदद से 119 ई-टिकटें सीज की गईं। 4 लाख रुपये की ये टिकटें एक ही मोबाइल नंबर पर बुक हुई थीं। इस नंबर से करीब 547 फेक आईडी बनाई गई थीं। जून 2014 से अब तक इन आईडी पर 7549 ई-टिकटें बुक की जा चुकी हैं, जिनकी कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है।
दिवाली और फिर छठ पर टिकटों की काफी अधिक डिमांड रहती है। खासकर यूपी, बिहार और पूर्वी राज्यों की ट्रेनों में पैसेंजर्स को रिजर्वेशन भी नहीं मिलता। स्पेशल ट्रेनों में भी यही हाल होता है। उत्तर रेलवे का दावा है कि इस बार आम लोगों को आसानी से टिकट मिले इसके लिए चेकिंग ड्राइव चलाई जा रही है। इसके बावजूद ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट 200 से 300 और इससे भी अधिक चल रही है।
इस मामले में 29 साल के नवनीत प्रजापति को तुगलकाबाद एक्सटेंशन से अरेस्ट किया गया है। नवनीत आधार केंद्र का सेंटर चलाता था और इससे पहले भी सीबीआई बेंगलुरु की टीम ने उसे अरेस्ट किया है। इन सभी 547 अकाउंट को सीज कर दिया गया है।
एक अन्य मामले में अमित चोपड़ा को गुरुग्राम से अरेस्ट किया गया है। ये बाराखंभा में ट्रैवल्स पाल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से टिकटों की अवैध बुकिंग कर रहे थे। अमित के पास से 1,35,840 लाख रुपये की 39 टिकटें मिली हैं। ये टिकट 5 फर्जी आईडी से बुक करवाए गए थे। इनमें से ज्यादातर टिकट विदेशी लोगों के लिए बुक किए गए हैं। बीते 4 सालों में इन फेक आईडी से 12,59,215 रुपए के टिकट बुक करवाए गए।
डीआरएम आर एन सिंह ने अनुसार, दलालों को रोकने के लिए लगातार छापेमारी हो रही है। लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: एक ही मोबाइल 547 आईडी बना टिकट बुक कराया