Saturday, September 1, 2018

अब डिसेंट्रलाइज्ड कचरा प्लांट बनाएगी एमसीडी

वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्ली
भलस्वा लैंडफिल साइट पर लाखों मेट्रिक टन कूड़े के पहाड़ पर और अधिक कूड़ा न जाए, इसके लिए नॉर्थ एमसीडी अब डिसेंट्रलाइज्ड (हर जोन में अलग-अलग) कचरा प्लांट बनाने का प्लान बना रही है। अफसरों का कहना है कि हर जोन में रोजाना जितना कूड़ा निकलता है, उसी के हिसाब से प्लांट बनाया जाएगा, ताकि उस जोन का कूड़ा वहीं ट्रीट किया जा सके और भलस्वा लैंडफिल साइट पर कूड़े को ले जाने की जरूरत न पड़े।

एमसीडी अफसरों का कहना है कि सदर पहाड़गंज जोन से रोजाना करीब 900 टन, करोल बाग जोन से 600, रोहिणी जोन से 800, सिविल लाइन जोन से 600, केशवपुरम जोन से 700 और नरेला जोन से 400 टन कूड़ा निकलता है। इन सभी 6 जोन को मिलाकर कुल 4,000 टन कूड़ा रोजाना जनरेट होता है, जिसे ट्रीट करने के लिए भलस्वा लैंडफिल साइट पर ले जाया जाता है। लेकिन, लैंडफिल साइट की क्षमता 2200 टन कूड़ा ट्रीट करने की है, जिससे बाकी कूड़ा लैंडफिल साइट में ही अगले दिन ट्रीट करने के लिए रख दिया जाता है। इसी तरह से रोजाना कूड़े का ढेर लगता जाता है।

हालात ऐसे हो गए कि कूड़ा लैंडफिल साइट में स्टोर करने से भलस्वा लैंडफिल साइट की ऊंचाई 140 फीट तक हो गई है। इसलिए एमसीडी ने अब हर जोन में अलग अलग कचरा प्लांट बनाने का प्लान बनाया है। करोल बाग, केशवपुरम, रोहिणी, सिविल लाइंस, सिटी- सदर पहाड़गंज इन सभी जोन में अलग अलग कचरा प्लांट बनाए जाएंगे, ताकि कूड़ा इसी जोन में ट्रीट हो सके।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: अब डिसेंट्रलाइज्ड कचरा प्लांट बनाएगी एमसीडी