Sunday, September 30, 2018

छलका एक मां का दर्द- बेशक, मुझे कष्ट देना पर ऐसी संतान मत देना

मुरादाबाद की रहने वाली कुसुम आज भी अपने बेटे को याद करती हैं। उसे याद कर उनकी आखें भर आती हैं। उन्होंने बताया कि मेरा एक छोटा सा परिवार था। जिसमें एक बेटा, दो बेटियां व पति थे।
Read more: छलका एक मां का दर्द- बेशक, मुझे कष्ट देना पर ऐसी संतान मत देना