नई दिल्ली
देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। सारी पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुट गईं हैं। इसी क्रम में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राह पर चलने का फैसला किया है। दरअसल, दिल्ली में मतदाताओं तक पहुंचने और उनके बीच खुद के विचारों को पहुंचाने के लिए आम आदमी पार्टी ने 'चाय पे चर्चा' का रास्ता अपनाया है।
गौरतलब है कि 'चाय पे चर्चा' 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चर्चा में आया थी जब बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देशभर में मतदाताओं से संवाद करने के लिए यह तरीका अपनाया था। उस चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी । हालांकि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी का कहना है कि उसने बीजेपी से यह तरीका उधार नहीं लिया है।
पूर्वोत्तर दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के आप प्रभारी दिलीप पांडे ने कहा, 'हम आम आदमी तक पहुंचने के लिए 2012 की सर्दियों से ही चाय पे चर्चा कर रहे हैं। हमारी पार्टी पहले ही दिल्ली में 7 में से 5 लोकसभा सीटों के प्रभारियों की घोषणा कर चुकी है। पांडे ने कहा कि आप ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में अब तक 300 'चाय पे चर्चा' की है। वहीं, पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि बाकी बचे संसदीय क्षेत्रों में भी ऐसा करने की योजना बनाई गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि मोदी की चाय पे चर्चा के विपरीत आप की चाय पे चर्चा आम आदमी के ज्यादा करीब और सीधी होती हैं जहां स्थानीय मुद्दे चर्चा के केंद्र में होते हैं।
देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। सारी पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुट गईं हैं। इसी क्रम में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राह पर चलने का फैसला किया है। दरअसल, दिल्ली में मतदाताओं तक पहुंचने और उनके बीच खुद के विचारों को पहुंचाने के लिए आम आदमी पार्टी ने 'चाय पे चर्चा' का रास्ता अपनाया है।
गौरतलब है कि 'चाय पे चर्चा' 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चर्चा में आया थी जब बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देशभर में मतदाताओं से संवाद करने के लिए यह तरीका अपनाया था। उस चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी । हालांकि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी का कहना है कि उसने बीजेपी से यह तरीका उधार नहीं लिया है।
पूर्वोत्तर दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के आप प्रभारी दिलीप पांडे ने कहा, 'हम आम आदमी तक पहुंचने के लिए 2012 की सर्दियों से ही चाय पे चर्चा कर रहे हैं। हमारी पार्टी पहले ही दिल्ली में 7 में से 5 लोकसभा सीटों के प्रभारियों की घोषणा कर चुकी है। पांडे ने कहा कि आप ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में अब तक 300 'चाय पे चर्चा' की है। वहीं, पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि बाकी बचे संसदीय क्षेत्रों में भी ऐसा करने की योजना बनाई गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि मोदी की चाय पे चर्चा के विपरीत आप की चाय पे चर्चा आम आदमी के ज्यादा करीब और सीधी होती हैं जहां स्थानीय मुद्दे चर्चा के केंद्र में होते हैं।
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