Saturday, September 29, 2018

दिल्ली में फिर बिगड़ने लगी हवा, जानिए इस बार कैसे सुधरेंगे हालात

नई दिल्ली
मौसम बदलने के साथ ही राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों की हवा खराब होने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी किए गए शनिवार के आंकड़े बताते हैं कि हवा की क्वॉलिटी 219 की रीडिंग पर पहुंच गई है, जो बेहद खतरनाक है। कुछ ही दिनों पहले यह रीडिंग 50 पर थी, जब इसे संतोषजनक कहा गया था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक हवा की गुणवत्ता में इस गिरावट के लिए स्थानीय कारण ज़िम्मेदार हैं।

मौसम के लिहाज़ से दिल्ली बदलाव के दौर से गुज़र रही है। मॉनसून जा चुका है और हवा धीमी हो गई है। इससे हवा में पार्टिकुलेट मैटर 10 (PM) का लेवल बढ़ रहा है और शनिवार को यह ढाई गुना तक बढ़ गया। पार्टिकुलेट मैटर वह तत्व है, जो हवा को प्रदूषित करता है। बीते कुछ वर्षों में ठंड के समय दिल्ली-NCR की हवा में फैलने वाले स्मॉग के पीछे यही तत्व ज़िम्मेदार है।



CPCB की एयर लैब के पूर्व प्रमुख डी. साहा ने बताया कि साल के इस वक्त में आमतौर पर हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है। जैसे-जैसे हवा तेज़ बहनी शुरू होगी, हालात ठीक होने लगेंगे। CPCB के सेंट्रल कंट्रोल रूम डेटा के मुताबिक शनिवार को हवा में औसत PM 10 लेवल 254 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। जब यह 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होता है, तो इसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन अभी यह सुरक्षा के पैमानों से ढाई गुना ज़्यादा है।

इन हालात में सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी पर्यावरण प्रदूषण अथॉरिटी (EPCA) शुक्रवार को एक बैठक करेगी, जिसमें हवा के प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह प्लान 15 अक्टूबर से प्रभाव में आ जाएगा। EPCA के एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में प्रदूषण की स्थानीय वजहों पर काम किया जाएगा। साथ ही, आनंद विहार और मुंदका जैसे इलाकों का ऐनालिसिस किया जाएगा, जहां प्रदूषण ज़्यादा पाया जा रहा है।



EPCA की सदस्य और सेंटर फॉर साइंस ऐंड एन्वायरमेंट की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण ने कहा, 'अभी ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है, जिससे माना जाए कि फसल की पराली जलाने से दिल्ली-NCR की हवा खराब हो रही है। हवा की गति पूरी तरह थमी हुई है। गुड़गांव और रेवाड़ी में भी हवा बहुत खराब हो गई है। आनंद विहार और मुंदका जैसे इलाकों में स्थानीय कारणों से प्रदूषण बढ़ा है। हम पहले वजहें जानेंगे और फिर उन पर काम करेंगे।'

दिल्ली पल्यूशन कंट्रोल कमिटी (DPCC) ने उद्योगों को जो डेडलाइन दी थी, वह भी 30 सितंबर को खत्म हो रही है। यानी 30 सितंबर के बाद दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाना शुरू हो जाएगा। कमिटी ने उद्योगों को 30 सितंबर की डेडलाइन देते हुए कहा था कि इस तारीख तक वे अप्रूव्ड ईंधनों पर शिफ्ट हो जाएं। DPCC ने 29 जून को एक नोटिफिकेश जारी किया था, जिसमें उसने उद्योगों से कहा था कि वे LPG, CNG, PNG, डीज़ल, पेट्रोल और एविएशन टरबाइन फ्यूल का इस्तेमाल करें.

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