नई दिल्ली
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के अंतर्गत आने वाले 21 कॉलेजों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने पूर्णकालिक प्राचार्य नियुक्त नहीं किए तो उनके वित्तीय अनुदान रोक दिए जाएंगे। DU के 77 कॉलेजों में से 22 से अधिक स्थायी प्राचार्य के बिना काम कर रहे हैं। इससे विश्वविद्यालय का शिक्षक संघ नाराज है। वह नियुक्ति प्रक्रिया को सुचारू बनाने की मांग कर रहा है।
UGC सचिव रजनीश जैन ने संवाददाताओं से कहा, 'ताजा उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह गौर किया गया है कि कई कॉलेजों ने नियमित प्राचार्य नियुक्त करने के लिये एमएचआरडी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) या यूजीसी के निर्देशों का पालन नहीं किया है। कॉलेजों से एकबार फिर अनुरोध किया जाता है कि वे नियमित प्राचार्य के चयन की प्रक्रिया तेज करें।'
उन्होंने कहा, 'साथ ही उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे 31 अगस्त तक प्राचार्य के पद के लिए साक्षात्कार की तारीख के बारे में सूचित करें। ऐसा करने में विफल रहने पर यूजीसी अनुदान जारी किए जाने को रोकने के लिए बाध्य होगी।' जैन ने बताया कि नोटिस जारी किए जाने के बाद सिर्फ एक कॉलेज ने नियमित प्राचार्य की नियुक्ति की है जबकि कुछ अन्य वैसा करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे निर्धारित समय में ऐसा नहीं करते हैं तो उनका अनुदान और लाभ रोक दिया जाएगा। एक पूर्णकालिक प्राचार्य अच्छा प्रशासन और शैक्षणिक वातावरण कायम रखना सुनिश्चित करता है।'
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के अंतर्गत आने वाले 21 कॉलेजों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने पूर्णकालिक प्राचार्य नियुक्त नहीं किए तो उनके वित्तीय अनुदान रोक दिए जाएंगे। DU के 77 कॉलेजों में से 22 से अधिक स्थायी प्राचार्य के बिना काम कर रहे हैं। इससे विश्वविद्यालय का शिक्षक संघ नाराज है। वह नियुक्ति प्रक्रिया को सुचारू बनाने की मांग कर रहा है।
UGC सचिव रजनीश जैन ने संवाददाताओं से कहा, 'ताजा उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह गौर किया गया है कि कई कॉलेजों ने नियमित प्राचार्य नियुक्त करने के लिये एमएचआरडी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) या यूजीसी के निर्देशों का पालन नहीं किया है। कॉलेजों से एकबार फिर अनुरोध किया जाता है कि वे नियमित प्राचार्य के चयन की प्रक्रिया तेज करें।'
उन्होंने कहा, 'साथ ही उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे 31 अगस्त तक प्राचार्य के पद के लिए साक्षात्कार की तारीख के बारे में सूचित करें। ऐसा करने में विफल रहने पर यूजीसी अनुदान जारी किए जाने को रोकने के लिए बाध्य होगी।' जैन ने बताया कि नोटिस जारी किए जाने के बाद सिर्फ एक कॉलेज ने नियमित प्राचार्य की नियुक्ति की है जबकि कुछ अन्य वैसा करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे निर्धारित समय में ऐसा नहीं करते हैं तो उनका अनुदान और लाभ रोक दिया जाएगा। एक पूर्णकालिक प्राचार्य अच्छा प्रशासन और शैक्षणिक वातावरण कायम रखना सुनिश्चित करता है।'
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