नई दिल्ली
करगिल विजय दिवस से एक दिन पहले एनबीटी में प्रकाशित फौजी सतबीर की दयनीय हालत की खबर का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठा। बिहार से जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एनबीटी की खबर को पढ़ते हुए सतबीर के हक के लिए आवाज उठाई। उनके जवाब में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने तुरंत सफाई दी और एनबीटी की खबर का हवाला देते हुए कहा कि आर्टिकल को पढ़ने के बाद हमने सैनिक सतबीर का पूरा रिकॉर्ड निकलवाया। उन्होंने कहा कि सतबीर को डिफेंस की ओर से तय सभी मानदेय दिए गए हैं। वहीं, इससे बेखबर करगिल युद्ध के विकलांग फौजी सतबीर सिंह दो दिन से अस्पताल में भर्ती हैं।
बुधवार की सुबह फिर से अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों ने उन्हें तुरंत धौलाकुआं के नजदीक आर्मी बेस अस्पताल में भर्ती कराया। गुरुवार को राज्यसभा में उनके मुद्दे पर हुई चर्चा के बारे में उन्हें मालूम चला। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में जो सफाई दी है, उसमें आधा ही सच है। उन्होंने पेंशन के बारे में डेटा पर भी सवाल उठाए।
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सतबीर ने कहा कि उनका हक ‘सरकारी तंत्र’ के चक्रव्यूह में फंस कर रह गया है। यही कारण है कि 19 साल बाद भी न तो उन्हें पेट्रोल पंप मिल सका है और न ही राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड से कोई सरकारी सुविधा मिली। सतबीर के मुताबिक, हक के लिए अब तक 10,000 से भी ज्यादा पत्र लिख चुके हैं। वह अपने हक के लिए केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय से लेकर दिल्ली सरकार तक कई बार गुहार लगा चुके हैं। सूचना के अधिकार कानून तक का इस्तेमाल कर चुके हैं, लेकिन अब तब उन्हें निराशा के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा है। सभी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप देते हैं। सतबीर बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली सरकार के पब्लिक ग्रीवांस मॉनिटरिंग सिस्टम (पीजीएमएस) के समक्ष अपनी पीड़ा रखी थी। इसके जवाब में उन्हें 31 अगस्त 2017 को यह बताया गया कि पेट्रोल पंप आवंटन समेत अन्य सुविधाएं देने का मामला रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ रीसेटलमेंट्स विभाग से संबंधित है। ऐसे में इस मामले में राज्य सैनिक बोर्ड को कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।
राज्यसभा में उठा करगिल युद्ध में घायल की बेचारगी का मामला
करगिल युद्ध में घायल जवान की खराब आर्थिक स्थिति का मामला गुरुवार को राज्यसभा में उठा। बिहार से जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने जीरो आवर में लांस नायक सत्यवीर सिंह की माली स्थिति का मामला उठाया। उनकी मांग पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सरकार से मदद देने पर विचार करने को कहा। इस जवान की माली हालत के बारे में एनबीटी ने सबसे पहले खबर दी जिसके बाद पूरे देश की नजर इस जवान की स्थिति पर गई।
राज्यसभा में भी एनबीटी की खबर का मामला उठने के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमरण ने सफाई देते हुए कहा कि उस जवान को सरकार की ओर से निर्धारित सारी सुविधा दे दी गई हैं और कुछ भी बाकी नहीं है। इसपर सभापति एम वेंकैया नायडू ने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि ऐसे मामले में वह उदार होकर विचार करें और अगर कुछ और मदद की जरूरत हो तो उसे पूरा करें। उनके आग्रह पर विचार करने का भरोसा दिया गया। जेडीयू सांसद की मांग का दूसरे सदस्यों ने भी समर्थन किया।
करगिल विजय दिवस से एक दिन पहले एनबीटी में प्रकाशित फौजी सतबीर की दयनीय हालत की खबर का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में उठा। बिहार से जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एनबीटी की खबर को पढ़ते हुए सतबीर के हक के लिए आवाज उठाई। उनके जवाब में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने तुरंत सफाई दी और एनबीटी की खबर का हवाला देते हुए कहा कि आर्टिकल को पढ़ने के बाद हमने सैनिक सतबीर का पूरा रिकॉर्ड निकलवाया। उन्होंने कहा कि सतबीर को डिफेंस की ओर से तय सभी मानदेय दिए गए हैं। वहीं, इससे बेखबर करगिल युद्ध के विकलांग फौजी सतबीर सिंह दो दिन से अस्पताल में भर्ती हैं।
बुधवार की सुबह फिर से अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों ने उन्हें तुरंत धौलाकुआं के नजदीक आर्मी बेस अस्पताल में भर्ती कराया। गुरुवार को राज्यसभा में उनके मुद्दे पर हुई चर्चा के बारे में उन्हें मालूम चला। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में जो सफाई दी है, उसमें आधा ही सच है। उन्होंने पेंशन के बारे में डेटा पर भी सवाल उठाए।
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सतबीर ने कहा कि उनका हक ‘सरकारी तंत्र’ के चक्रव्यूह में फंस कर रह गया है। यही कारण है कि 19 साल बाद भी न तो उन्हें पेट्रोल पंप मिल सका है और न ही राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड से कोई सरकारी सुविधा मिली। सतबीर के मुताबिक, हक के लिए अब तक 10,000 से भी ज्यादा पत्र लिख चुके हैं। वह अपने हक के लिए केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय से लेकर दिल्ली सरकार तक कई बार गुहार लगा चुके हैं। सूचना के अधिकार कानून तक का इस्तेमाल कर चुके हैं, लेकिन अब तब उन्हें निराशा के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा है। सभी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप देते हैं। सतबीर बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली सरकार के पब्लिक ग्रीवांस मॉनिटरिंग सिस्टम (पीजीएमएस) के समक्ष अपनी पीड़ा रखी थी। इसके जवाब में उन्हें 31 अगस्त 2017 को यह बताया गया कि पेट्रोल पंप आवंटन समेत अन्य सुविधाएं देने का मामला रक्षा मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ रीसेटलमेंट्स विभाग से संबंधित है। ऐसे में इस मामले में राज्य सैनिक बोर्ड को कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।
राज्यसभा में उठा करगिल युद्ध में घायल की बेचारगी का मामला
करगिल युद्ध में घायल जवान की खराब आर्थिक स्थिति का मामला गुरुवार को राज्यसभा में उठा। बिहार से जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने जीरो आवर में लांस नायक सत्यवीर सिंह की माली स्थिति का मामला उठाया। उनकी मांग पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सरकार से मदद देने पर विचार करने को कहा। इस जवान की माली हालत के बारे में एनबीटी ने सबसे पहले खबर दी जिसके बाद पूरे देश की नजर इस जवान की स्थिति पर गई।
राज्यसभा में भी एनबीटी की खबर का मामला उठने के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमरण ने सफाई देते हुए कहा कि उस जवान को सरकार की ओर से निर्धारित सारी सुविधा दे दी गई हैं और कुछ भी बाकी नहीं है। इसपर सभापति एम वेंकैया नायडू ने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि ऐसे मामले में वह उदार होकर विचार करें और अगर कुछ और मदद की जरूरत हो तो उसे पूरा करें। उनके आग्रह पर विचार करने का भरोसा दिया गया। जेडीयू सांसद की मांग का दूसरे सदस्यों ने भी समर्थन किया।
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