विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
रक्षाबंधन की सुबह तिहाड़ की सेमी-ओपन जेल से फरार हुआ कैदी तो मंगलवार शाम तिहाड़ जेल में वापस आ गया लेकिन इस तरह से जेल ब्रेक की घटना के बाद जेल प्रशासन की फजीहत और बिगड़ी इमेज को सुधारने के लिए जल्द ही एक रिव्यू मीटिंग की जाएगी। इसमें तिहाड़ जेल के डीजी, अडिशनल आईजी, डीआईजी, लॉ ऑफिसर और जेल नंबर-2 के सुपरिटेंडेंट समेत कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे।
मीटिंग में इस पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा कि क्या सेमी-ओपन जेल कॉन्सेप्ट को इसी तरह से चलने दिया जाए या फिर इसे बंद कर इसके सारे कैदियों को फिर से जेलों के अंदर ही डाल दिया जाए। सूत्रों का कहना है कि सेमी-ओपन जेन से फरार हुए कैदी युसूफ ने बताया है कि वह यहां के कुछ अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आ चुका था। नहीं तो वह अपनी 13 साल 10 महीने की सजा के बाद इस तरह का कदम क्यों उठाता?
हालांकि, जब अडिशनल आईजी राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल कैदी युसूफ से उनकी बात नहीं हो सकी है। इसलिए वह यह नहीं जानते कि वह क्यों भागा था लेकिन अब उससे सेमी-ओपन जेल वाली सुविधाओं को छीन लिया गया है और उसे फिर से जेल नंबर-2 में डाल दिया गया है। बाकी सेमी-ओपन जेल के लिए आगे क्या कदम उठाने हैं, यह बाद में तय किया जाएगा।
दूसरी ओर, जेल सूत्रों ने बताया कि जल्द ही रिव्यू मीटिंग की जाएगी। इसपर भी विचार-विमर्श किया जाएगा कि सेमी-ओपन जेल में रहने वाले कैदियों को जेल कॉम्प्लेक्स के अंदर रेजिडेंशल कॉम्प्लेक्स में किसी भी तरह की ड्यूटी पर नहीं लगाया जाए ताकि फरार होने की आशंका ही पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके अलावा, अगर इन्हें सेमी-ओपन जेल में ही रखना होगा तो इनकी मौजूदा आजादी पर रोक लगाई जाएगी।
फिलहाल बताया जाता है कि सेमी-ओपन जेल में रह रहे 70 से अधिक कैदियों को जेल कॉम्प्लेक्स में कहीं भी जाने की छूट में कटौती कर दी गई है। इसके तमाम फायदे-नुकसान पर चर्चा करने के बाद ही इस ओर कदम उठाया जाएगा कि भविष्य में सेमी-ओपन जेल का सिस्टम कैसा रखा जाए। साथ ही रेजिडेंशल कॉम्प्लेक्स में खोली जाने वाली महिला कैदियों की सेमी-ओपन जेल के लिए भी फिर से सिक्यॉरिटी रिव्यू किया जाएगा।
रक्षाबंधन की सुबह तिहाड़ की सेमी-ओपन जेल से फरार हुआ कैदी तो मंगलवार शाम तिहाड़ जेल में वापस आ गया लेकिन इस तरह से जेल ब्रेक की घटना के बाद जेल प्रशासन की फजीहत और बिगड़ी इमेज को सुधारने के लिए जल्द ही एक रिव्यू मीटिंग की जाएगी। इसमें तिहाड़ जेल के डीजी, अडिशनल आईजी, डीआईजी, लॉ ऑफिसर और जेल नंबर-2 के सुपरिटेंडेंट समेत कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे।
मीटिंग में इस पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा कि क्या सेमी-ओपन जेल कॉन्सेप्ट को इसी तरह से चलने दिया जाए या फिर इसे बंद कर इसके सारे कैदियों को फिर से जेलों के अंदर ही डाल दिया जाए। सूत्रों का कहना है कि सेमी-ओपन जेन से फरार हुए कैदी युसूफ ने बताया है कि वह यहां के कुछ अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आ चुका था। नहीं तो वह अपनी 13 साल 10 महीने की सजा के बाद इस तरह का कदम क्यों उठाता?
हालांकि, जब अडिशनल आईजी राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल कैदी युसूफ से उनकी बात नहीं हो सकी है। इसलिए वह यह नहीं जानते कि वह क्यों भागा था लेकिन अब उससे सेमी-ओपन जेल वाली सुविधाओं को छीन लिया गया है और उसे फिर से जेल नंबर-2 में डाल दिया गया है। बाकी सेमी-ओपन जेल के लिए आगे क्या कदम उठाने हैं, यह बाद में तय किया जाएगा।
दूसरी ओर, जेल सूत्रों ने बताया कि जल्द ही रिव्यू मीटिंग की जाएगी। इसपर भी विचार-विमर्श किया जाएगा कि सेमी-ओपन जेल में रहने वाले कैदियों को जेल कॉम्प्लेक्स के अंदर रेजिडेंशल कॉम्प्लेक्स में किसी भी तरह की ड्यूटी पर नहीं लगाया जाए ताकि फरार होने की आशंका ही पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके अलावा, अगर इन्हें सेमी-ओपन जेल में ही रखना होगा तो इनकी मौजूदा आजादी पर रोक लगाई जाएगी।
फिलहाल बताया जाता है कि सेमी-ओपन जेल में रह रहे 70 से अधिक कैदियों को जेल कॉम्प्लेक्स में कहीं भी जाने की छूट में कटौती कर दी गई है। इसके तमाम फायदे-नुकसान पर चर्चा करने के बाद ही इस ओर कदम उठाया जाएगा कि भविष्य में सेमी-ओपन जेल का सिस्टम कैसा रखा जाए। साथ ही रेजिडेंशल कॉम्प्लेक्स में खोली जाने वाली महिला कैदियों की सेमी-ओपन जेल के लिए भी फिर से सिक्यॉरिटी रिव्यू किया जाएगा।
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Read more: क्या बंद हो जाएगी तिहाड़ की सेमी-ओपन जेल?