Saturday, August 4, 2018

अब ट्रांसपॉर्ट विभाग, सरकार में टकराव

नई दिल्ली
दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच चल रहे टकराव में एक और कड़ी जुड़ गई है। इस बार मामला ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट से जुड़ा हुआ है। 6 अगस्त से विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है और ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट से जुड़े विधानसभा के सवालों को लेकर हुई बैठक में ट्रांसपॉर्ट मिनिस्टर और कमिश्नर के बीच बुराड़ी अथॉरिटी को लेकर बहस हो गई।

जॉइंट फोरम ऑफ द असोसिएशंस ऑफ ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया है कि मंत्री ने कमिश्नर (ट्रांसपॉर्ट) वर्षा जोशी के साथ गलत व्यवहार किया। वहीं ट्रांसपॉर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि बुराड़ी अथॉरिटी को लेकर सवाल के जवाब को लेकर बहस हुई थी, क्योंकि जवाब बिल्कुल गलत था और गलत जवाब देना सदन की अवमानना होता है। वहीं विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में बयान जारी कर कहा कि ट्रांसपॉर्ट कमिश्नर का कसूर सिर्फ इतना ही था कि वे 1000 डीटीसी बसें प्राइवेट कंपनी से गलत तरीके से किराए पर लेने का विरोध कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि ऑफिसर्स के साथ यह बर्ताव किसी भी तरह से ठीक नहीं ठहराया जा सकता।

उधर, अब बुराड़ी अथॉरिटी का मामला तूल पकड़ सकता है। कुछ दिन पहले सीएम ने बुराड़ी अथॉरिटी का दौरा करने के बाद नोट लिखा था और वहां पर अनियमतिताओं का जिक्र करते हुए कहा था कि अथॉरिटी में दलालों का राज खत्म होना चाहिए। इसी मसले पर विधानसभा का एक सवाल लगा, जिसमें अनियमितताओं के बारे में पूछा गया। ट्रांसपॉर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने बताया कि ट्रांसपॉर्ट कमिश्नर की ओर से जवाब दिया गया है कि वहां कोई अनियमितता नहीं है, जबकि सीएम ने वहां पर लोगों से बातचीत की थी और नोट में जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा कि बुराड़ी में करप्शन की बहुत शिकायतें आ रही थी लेकिन विधानसभा सवाल का जवाब दिया गया कि वहां कोई अनियमितता नहीं है। ऐसा जवाब गलत है और मंत्री को विधानसभा में जवाब देना होता है। अगर गलत जवाब दिया जाता है तो यह सदन की अवमानना होती है।

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