Saturday, August 4, 2018

कपड़ों के शौक ने पहुंचाया सलाखों के पीछे

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ब्रांडेड कपड़ों का शौकीन था। चुराए गए कपड़ों को एक बार पहनकर उन्हें ठिकाने लगा देता था। कपड़ों को ठिकाने लगाने के चक्कर में ही गिरोह के 4 चोरों को पुलिस ने द्वारका की नजफगढ़ रोड से गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 350 कपड़े मिले हैं। इनमें टी-शर्ट, जींस, ट्राउजर आदि हैं। इनकी गिरफ्तारी द्वारका के स्पेशल स्टाफ ने की है।

पुलिस के मुताबिक, गिरोह दिन में अपना टार्गेट ढूंढता था। इनके निशाने पर दुकानें और शोरूम रहते थे। फिर रात में टार्गेट को निशाना बनाया जाता था। गिरोह कुछ सेकंड में शटर तोड़ने में माहिर था। 15 मिनट में वारदात को अंजाम देकर सभी फरार हो जाते थे। चोरी के बाद भागने के लिए लग्जरी कारों की चोरी भी करते थे।

डीसीपी एंटो अल्फोंस के अनुसार, द्वारका और आसपास के एरिया में एक ही तरह की चोरी की वारदातें हो रही थीं। इसके बाद एक टीम का गठन किया गया। सूचना मिली कि कुछ चोर वारदात को अंजाम देने के लिए नजफगढ़ एरिया में घूम रहे हैं। पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की। चोरों ने कार की स्पीड बढ़ा दी और दूसरी गाड़ी से टकरा गए। तलाशी लेने पर पुलिस को उनके पास से कपड़ों से भरे 4 बॉक्स मिले। 25 साल के योगेश, सतबीर, आकाश और 22 साल का श्याम सिंह चोरी किए गए कपड़ों को ठिकाने लगाने आए थे। 1 अगस्त को छावला एरिया से उन्होंने कपड़े चुराए थे। एक बार पहन चुके थे। छानबीन की तो पुलिस को उनके पास से एक स्कूटर, लैपटॉप, 7 मोबाइल, 250 ग्राम चांदी और 1400 रुपये नेपाली करंसी मिली।

गिरोह में शामिल श्याम सिंह इतना शातिर था कि 5 से 6 सेकंड में किसी भी शोरूम या दुकान का शटर तोड़ देता था। इसके बाद सभी चोर अंदर दाखिल होते और महज 15 मिनट में चोरी को अंजाम दे देते थे। सतबीर के नाम 22 मामले दर्ज हैं। वह 2 महीने पहले ही जेल से बाहर आया है। योगेश भी कम से कम 20 चोरी के मामलों में जुड़ा है और 2 साल पहले जेल से आया है। आकाश भी 10 मामलों में जुड़ा है। वह 3 दिन पहले ही जेल से छूटा है। श्याम सिंह भी 5 ऐसे मामलों में जुड़ा है और जेल जा चुका है। गिरोह का सरगना सतबीर है। वह पहले एक गैंग का सदस्य था। बाद में जेल में उसने अपना गिरोह बनाया।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।


Read more: कपड़ों के शौक ने पहुंचाया सलाखों के पीछे