नई दिल्ली
दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव में इस बार पोस्टर और अन्य प्रचार सामग्रियों के कूड़े पर लगाम लगाने की तैयारी है। पब्लिक प्रॉपर्टी गंदी करने के मामले में हाई कोर्ट ने पिछले साल स्टूडेंट्स लीडर्स समेत डीयू की भी क्लास ली थी। अब डीयू चीफ इलेक्शन ऑफिस का प्लान है कि शुरुआत से ही डिफेसमेंट पर नजर रखी जाए और कोर्ट के आदेश के मुताबिक कैंडिडेट्स पर ऐक्शन लिया जाए।
कोर्ट इसे लेकर कैंडिडेट्स को जेल भेजने की चेतावनी भी दे चुका है। खासतौर पर इसके लिए एक कमिटी भी बनाई जा चुकी है, जो जिसे सिर्फ इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेवारी दी गई है। बता दें कि दिल्ली विवि में आगामी 12 सितंबर को छात्रसंघ चुनाव होने हैं।
पढ़ें: दिल्ली विश्वविद्यालय में 12 सितंबर को होगी छात्रसंघ चुनाव की वोटिंग
पिछले साल 22 प्रत्याशियों को दिया गया था नोटिस
पिछले साल यूनिवर्सिटी कैंपस, नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस के अलावा दिल्ली मेट्रो, फ्लाइओवर, एमसीडी, एनडीएमसी की प्रॉपर्टी समेत कई पब्लिक प्रॉपर्टी को पोस्टर्स और स्टीकरों से गंदा करने के मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई, जिसके बाद हाई कोर्ट ने चीफ इलेक्शन ऑफिसर से लेकर कैंडिडेट्स को कई तरह से आगाह किया। चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने 22 कैंडिडेट्स को नोटिस भी दिया था, जिसमें डूसू के चारों अधिकारी भी शामिल थे।
वेबसाइट पर डाली गई नियमावली
इसे देखते हुए इस बार शुरुआत से ही सख्त रुख अपनाया गया है। इस बारे में डूसू के लिए चीफ इलेक्शन ऑफिस की रिटर्निंग ऑफिसर डॉ पिंकी शर्मा का कहना है डिफेसमेंट को लेकर हमने हाई कोर्ट के सभी जजमेंट और डिफेसमेंट से जुड़े सभी ऐक्ट वेबसाइट में भी अपलोड कर दिए हैं, ताकि प्रत्याशी इनके लिए अलर्ट रहें। हम इन्हें सख्ती से लागू करेंगे। इसके लिए डीयू की अथॉरिटी ने एक कमिटी बनाई है, जो शुरुआत से ही नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस और बाकी सभी कॉलेजों को कवर करेगी। कॉलेजों को भी इसके लिए लेटर भेजा जाएगा। इसके अलावा, पब्लिक से भी हमें जो शिकायतें मिलेंगी, उस पर हम जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव में इस बार पोस्टर और अन्य प्रचार सामग्रियों के कूड़े पर लगाम लगाने की तैयारी है। पब्लिक प्रॉपर्टी गंदी करने के मामले में हाई कोर्ट ने पिछले साल स्टूडेंट्स लीडर्स समेत डीयू की भी क्लास ली थी। अब डीयू चीफ इलेक्शन ऑफिस का प्लान है कि शुरुआत से ही डिफेसमेंट पर नजर रखी जाए और कोर्ट के आदेश के मुताबिक कैंडिडेट्स पर ऐक्शन लिया जाए।
कोर्ट इसे लेकर कैंडिडेट्स को जेल भेजने की चेतावनी भी दे चुका है। खासतौर पर इसके लिए एक कमिटी भी बनाई जा चुकी है, जो जिसे सिर्फ इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेवारी दी गई है। बता दें कि दिल्ली विवि में आगामी 12 सितंबर को छात्रसंघ चुनाव होने हैं।
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पिछले साल 22 प्रत्याशियों को दिया गया था नोटिस
पिछले साल यूनिवर्सिटी कैंपस, नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस के अलावा दिल्ली मेट्रो, फ्लाइओवर, एमसीडी, एनडीएमसी की प्रॉपर्टी समेत कई पब्लिक प्रॉपर्टी को पोस्टर्स और स्टीकरों से गंदा करने के मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई, जिसके बाद हाई कोर्ट ने चीफ इलेक्शन ऑफिसर से लेकर कैंडिडेट्स को कई तरह से आगाह किया। चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने 22 कैंडिडेट्स को नोटिस भी दिया था, जिसमें डूसू के चारों अधिकारी भी शामिल थे।
वेबसाइट पर डाली गई नियमावली
इसे देखते हुए इस बार शुरुआत से ही सख्त रुख अपनाया गया है। इस बारे में डूसू के लिए चीफ इलेक्शन ऑफिस की रिटर्निंग ऑफिसर डॉ पिंकी शर्मा का कहना है डिफेसमेंट को लेकर हमने हाई कोर्ट के सभी जजमेंट और डिफेसमेंट से जुड़े सभी ऐक्ट वेबसाइट में भी अपलोड कर दिए हैं, ताकि प्रत्याशी इनके लिए अलर्ट रहें। हम इन्हें सख्ती से लागू करेंगे। इसके लिए डीयू की अथॉरिटी ने एक कमिटी बनाई है, जो शुरुआत से ही नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस और बाकी सभी कॉलेजों को कवर करेगी। कॉलेजों को भी इसके लिए लेटर भेजा जाएगा। इसके अलावा, पब्लिक से भी हमें जो शिकायतें मिलेंगी, उस पर हम जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे।
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