नई दिल्ली
दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खोलकर हर महीने मोटी कमाई का लालच देकर एक शख्स को ठग लिया गया। पुलिस ने पीड़ित के बयान पर मामला दर्ज कर लिया। ठगी की यह वारदात विश्वास नगर की है।
फर्श बाजार पुलिस के अनुसार राजकुमार परिवार के साथ विश्वास नगर में रहते हैं। वह वीथ्रीएस शॉपिंग मॉल में सिक्यॉरिटी गार्ड हैं। उन्होंने इंटरनेट पर एक प्रमोशनल विडियो देखा। विडियो में बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खोलकर हर महीने मोटी आमदनी के बारे में बताया गया। उन्हें यह प्रॉजेक्ट अच्छा लगा। उन्होंने विडियो में बताए गए मोबाइल नंबर पर कॉल की तो दीपक कुमार साहू ने उन्हें इस प्रॉजेक्ट के बारे में समझाया।
इसके लिए उन्होंने 37,500 रुपये का खर्च बताया। 6 मार्च को उन्होंने आरोपी के अकाउंट में 5,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे जमा करने के बाद उनके मोबाइल पर एक मेसेज आया, जिसमें एक ओटीपी नंबर था। दीपक ने पीड़ित को फोन करके वह ओटीपी नंबर पूछा। इसके बाद उसने कहा कि वह यूजर नेम और पासवर्ड आदि मेल कर देगा। 2-3 दिन बाद जब उनकी दोबारा बात हुई तो आरोपी ने 17,500 रुपये और जमा कराने के लिए कहा। उन्होंने यह रकम भी अकाउंट में जमा करा दी। इसके बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया। तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
पीड़ित ने थाने में लिखित शिकायत दी। सोमवार को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। पुलिस पता लगा रही है कि ठगी का यह नेटवर्क कितना बड़ा है और किन-किन को इसका शिकार बनाया गया है।
दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खोलकर हर महीने मोटी कमाई का लालच देकर एक शख्स को ठग लिया गया। पुलिस ने पीड़ित के बयान पर मामला दर्ज कर लिया। ठगी की यह वारदात विश्वास नगर की है।
फर्श बाजार पुलिस के अनुसार राजकुमार परिवार के साथ विश्वास नगर में रहते हैं। वह वीथ्रीएस शॉपिंग मॉल में सिक्यॉरिटी गार्ड हैं। उन्होंने इंटरनेट पर एक प्रमोशनल विडियो देखा। विडियो में बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र खोलकर हर महीने मोटी आमदनी के बारे में बताया गया। उन्हें यह प्रॉजेक्ट अच्छा लगा। उन्होंने विडियो में बताए गए मोबाइल नंबर पर कॉल की तो दीपक कुमार साहू ने उन्हें इस प्रॉजेक्ट के बारे में समझाया।
इसके लिए उन्होंने 37,500 रुपये का खर्च बताया। 6 मार्च को उन्होंने आरोपी के अकाउंट में 5,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। पैसे जमा करने के बाद उनके मोबाइल पर एक मेसेज आया, जिसमें एक ओटीपी नंबर था। दीपक ने पीड़ित को फोन करके वह ओटीपी नंबर पूछा। इसके बाद उसने कहा कि वह यूजर नेम और पासवर्ड आदि मेल कर देगा। 2-3 दिन बाद जब उनकी दोबारा बात हुई तो आरोपी ने 17,500 रुपये और जमा कराने के लिए कहा। उन्होंने यह रकम भी अकाउंट में जमा करा दी। इसके बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया। तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
पीड़ित ने थाने में लिखित शिकायत दी। सोमवार को पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। पुलिस पता लगा रही है कि ठगी का यह नेटवर्क कितना बड़ा है और किन-किन को इसका शिकार बनाया गया है।
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