रीक्षपाल ने दुश्मनों पर अपनी बंदूक का मुंह खोल दिया। कई दुश्मनों को मौत की नींद सुला दिया। उनकी गोलियों के आगे दुश्मनों के पैर उखड़ गए और मोर्चा लेने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
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