सरिता ने कहा कि 2015 में पहली बार जब उन्होंने डीटीसी की पहली महिला ड्राइवर के तौर पर नौकरी ज्वाइन की थी तो खूब सम्मान और प्यार मिला। लेकिन तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।
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