नई दिल्ली
एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली जेलों में से एक तिहाड़ से एक कैदी रक्षाबंधन यानी रविवार की सुबह फरार हो गया। यह कैदी हत्या के जुर्म में उम्रकैद काट रहा था। वह रविवार सुबह करीब 7 बजे जेल की तमाम सुरक्षा दीवारों को धता बताते हुए भागा, लेकिन जेल प्रशासन को भनक देर शाम मिली। बताया जा रहा है कि उससे अफसरों की कारें साफ कराई जाती थीं जिससे वह नाराज था।
पता चला है कि हत्या और हत्या की कोशिश के मामलों में बंद यह कैदी तिहाड़ में सजा के 13 साल 10 महीने पूरे कर चुका था। इस दौरान उसने कभी जेल नियमों का उल्लंघन नहीं किया था। इसके खिलाफ जेल के पनिशमेंट वाले रजिस्टर में एक भी एंट्री नहीं है।
पढ़ें: कैदियों से धुलवाते हैं गाड़ियां, साफ करवाते हैं लंच बॉक्स!
जेल सूत्रों के मुताबिक, फरार कैदी का नाम सलीम है और वह यूपी के मुजफ्फरनगर इलाके का है। कहा जा रहा है कि उससे अफसरों की कारें साफ कराई जाती थीं, इससे वह नाराज था। उसने इसकी शिकायत जेल अधिकारियों से भी की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सलीम रक्षाबंधन के दिन उस वक्त फरार हुआ, जब उसे फिर से अफसरों की कार धोने के लिए भेजा गया था। शाम को जब सेमी-ओपन जेल में बंद कैदियों की गिनती की गई तो उनमें से एक कम मिला। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। हाईलेवल जांच कमिटी बैठा दी गई।
तिहाड़ जेल से जून 2015 में जावेद और फैजान नाम के दो विचाराधीन कैदी भाग गए थे। जेल नंबर-7 में बंद ये दोनों कैदी जेल की दो-दो दीवारें फांदकर और तीसरी दीवार के नीचे छेद करके भागे थे। हालांकि बाद में दोनों को पकड़ लिया गया था।
एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली जेलों में से एक तिहाड़ से एक कैदी रक्षाबंधन यानी रविवार की सुबह फरार हो गया। यह कैदी हत्या के जुर्म में उम्रकैद काट रहा था। वह रविवार सुबह करीब 7 बजे जेल की तमाम सुरक्षा दीवारों को धता बताते हुए भागा, लेकिन जेल प्रशासन को भनक देर शाम मिली। बताया जा रहा है कि उससे अफसरों की कारें साफ कराई जाती थीं जिससे वह नाराज था।
पता चला है कि हत्या और हत्या की कोशिश के मामलों में बंद यह कैदी तिहाड़ में सजा के 13 साल 10 महीने पूरे कर चुका था। इस दौरान उसने कभी जेल नियमों का उल्लंघन नहीं किया था। इसके खिलाफ जेल के पनिशमेंट वाले रजिस्टर में एक भी एंट्री नहीं है।
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जेल सूत्रों के मुताबिक, फरार कैदी का नाम सलीम है और वह यूपी के मुजफ्फरनगर इलाके का है। कहा जा रहा है कि उससे अफसरों की कारें साफ कराई जाती थीं, इससे वह नाराज था। उसने इसकी शिकायत जेल अधिकारियों से भी की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सलीम रक्षाबंधन के दिन उस वक्त फरार हुआ, जब उसे फिर से अफसरों की कार धोने के लिए भेजा गया था। शाम को जब सेमी-ओपन जेल में बंद कैदियों की गिनती की गई तो उनमें से एक कम मिला। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। हाईलेवल जांच कमिटी बैठा दी गई।
तिहाड़ जेल से जून 2015 में जावेद और फैजान नाम के दो विचाराधीन कैदी भाग गए थे। जेल नंबर-7 में बंद ये दोनों कैदी जेल की दो-दो दीवारें फांदकर और तीसरी दीवार के नीचे छेद करके भागे थे। हालांकि बाद में दोनों को पकड़ लिया गया था।
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