Friday, August 3, 2018

छात्रों को 'गिफ्ट', कॉलेज बनाएंगे ड्राइविंग लाइसेंस

नई दिल्ली
स्टूडेंट्स के लिए लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के प्रोसेस को आसान बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। दिल्ली सरकार की सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज समेत डीयू के सभी कॉलेजों में लर्निंग लाइसेंस बनाए जाने के बारे में एक पॉलिसी तैयार की गई है। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने बताया कि अगले कुछ दिनों में यह पॉलिसी नोटिफाई हो जाएगी और पॉलीटेक्निक व आईटीआई को भी इसके दायरे में लाया जाएगा।

सरकार की यह पॉलिसी डीयू के सभी कॉलेजों के लिए भी होगी और जो भी कॉलेज इस प्रॉजेक्ट से जुड़ना चाहेंगे, वहां पर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम करेगा। आईपी और डीयू के कॉलेजों में स्टूडेंट्स की संख्या हजारों में है। स्टूडेंट्स अपने कॉलेजों में आसानी से लर्निंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने बताया कि कॉलेजों के प्रिंसिपल, डायरेक्टर्स को अधिकृत किया जाएगा और वे स्टूडेंट्स के लिए लर्निंग लाइसेंस प्रोसेस को कंडक्ट करवाने की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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दिल्ली सरकार की 7 यूनिवर्सिटी व इंस्टिट्यूशन के अलावा डीयू के 88 कॉलेजों, आईपी यूनिवर्सिटी के करीब 34 इंस्टिट्यूशन, 9 पॉलिटेक्निक व आईटीआई को इस पॉलिसी के दायरे में लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही पायलट प्रॉजेक्ट शुरू करने को लेकर दूसरा नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।

सरकार ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों में यह प्रॉजेक्ट शुरू करना चाहती है। कॉलेजों में 10 मिनट के कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम को क्लियर करने के बाद लाइसेंस मिल जाएगा।


कुछ साल पहले डीयू के दौलतराम कॉलेज में यह प्रयोग हुआ था। उस समय करीब 400 स्टूडेंट्स ने एक दिन में लाइसेंस बनवाए थे। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने एक सॉफ्टवेयर डिवेलप किया है, जिसके जरिए कॉलेजों में ही स्टूडेंट्स लर्निंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। अब हर कॉलेज में कंप्यूटर लैब होती है और कंप्यूटर एक्सपर्ट होते हैं। उन्हें ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सॉफ्टवेयर के बारे में बताया जाएगा और उसके बाद वे टेस्ट कंडक्ट करवा सकेंगे।

कॉलेजों के स्टाफ को ट्रेनिंग की जाएगी। कॉलेजों और टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूशन के डायरेक्टर्स और प्रिंसिपल्स को अधिकार दिए जाएंगे कि वे लर्निंग लाइसेंस के लिए होने वाले ऑनलाइन टेस्ट को आयोजित करवाएं। टेस्ट में पास होने वाले स्टूडेंट्स को लाइसेंस दे दिए जाएं।

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