नई दिल्ली
कांग्रेस भले ही पूरे देश से अपनी हार का दंश भुलाने का मन बना चुकी हो, लेकिन लगता है कि दिल्ली में हुई हार के बाद वह आप को लेकर अपनी कड़वाहट भूलने को तैयार नहीं। तभी तो आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस जहां एक तरफ पूरे देश में दूसरी विपक्षी दलों के साथ समझौता करने के लिए मन बना चुकी है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में वह आप के साथ जाने को तैयार नहीं है। देशभर में गैर एनडीए दलों के बीच विपक्षी एकजुटता की कोशिश में लगी कांग्रेस मान रही है कि आज भी दिल्ली में उसकी सीधी लड़ाई आप से है।
कांग्रेस के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि दिल्ली में उसकी सीधी टक्कर आप से है, वहीं उसका यह भी मानना है कि दिल्ली में अाप के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस हाइकमान के सामने कई तरह की हिचकिचाहट है। सूत्रों की मानें तो यह हिचक कांग्रेस की दिल्ली इकाई की ओर से है। दरअसल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कतई नहीं चाहती कि अागामी चुनाव में कांग्रेस किसी भी स्तर पर आप के साथ किसी तरह की कोई अंडरस्टैंडिेग या तालमेल करे।
उल्लेखनीय है कि मोदी को रोकने के लिए दूसरे विपक्षी दलों की तरह दिल्ली के सीएम और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी इस विपक्षी एकता में शामिल होना चाहते हैं। इसके लिए बाकायदा आप की ओर से फिलर्स भी भेजे गए हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस और दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन इसके सख्त खिलाफ हैं। दिल्ली कांग्रेस का मानना है कि आप और उनका वोट काफी कॉमन है। ऐसे में आज की मजबूती उन्हें कमजोर करती है। इतना ही नहीं, दिल्ली प्रदेश आप को बीजेपी की बी टीम भी करार देती रही है।
दिल्ली प्रदेश की ओर से आ रही इन अापत्तियों को देखते हुए कांग्रेस हाइकमान ने प्रदेश इकाई को आश्वस्त किया है कि दिल्ली में आप के साथ गठबंधन को लेकर जब भी कोई बात आगे बढ़ेगी या समझौता होगा, उससे पहले दिल्ली प्रदेश की राय सुनी जाएगी। उसी के मुताबिक कोई फैसला होगा।
कांग्रेस भले ही पूरे देश से अपनी हार का दंश भुलाने का मन बना चुकी हो, लेकिन लगता है कि दिल्ली में हुई हार के बाद वह आप को लेकर अपनी कड़वाहट भूलने को तैयार नहीं। तभी तो आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस जहां एक तरफ पूरे देश में दूसरी विपक्षी दलों के साथ समझौता करने के लिए मन बना चुकी है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में वह आप के साथ जाने को तैयार नहीं है। देशभर में गैर एनडीए दलों के बीच विपक्षी एकजुटता की कोशिश में लगी कांग्रेस मान रही है कि आज भी दिल्ली में उसकी सीधी लड़ाई आप से है।
कांग्रेस के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि दिल्ली में उसकी सीधी टक्कर आप से है, वहीं उसका यह भी मानना है कि दिल्ली में अाप के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस हाइकमान के सामने कई तरह की हिचकिचाहट है। सूत्रों की मानें तो यह हिचक कांग्रेस की दिल्ली इकाई की ओर से है। दरअसल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कतई नहीं चाहती कि अागामी चुनाव में कांग्रेस किसी भी स्तर पर आप के साथ किसी तरह की कोई अंडरस्टैंडिेग या तालमेल करे।
उल्लेखनीय है कि मोदी को रोकने के लिए दूसरे विपक्षी दलों की तरह दिल्ली के सीएम और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी इस विपक्षी एकता में शामिल होना चाहते हैं। इसके लिए बाकायदा आप की ओर से फिलर्स भी भेजे गए हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस और दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन इसके सख्त खिलाफ हैं। दिल्ली कांग्रेस का मानना है कि आप और उनका वोट काफी कॉमन है। ऐसे में आज की मजबूती उन्हें कमजोर करती है। इतना ही नहीं, दिल्ली प्रदेश आप को बीजेपी की बी टीम भी करार देती रही है।
दिल्ली प्रदेश की ओर से आ रही इन अापत्तियों को देखते हुए कांग्रेस हाइकमान ने प्रदेश इकाई को आश्वस्त किया है कि दिल्ली में आप के साथ गठबंधन को लेकर जब भी कोई बात आगे बढ़ेगी या समझौता होगा, उससे पहले दिल्ली प्रदेश की राय सुनी जाएगी। उसी के मुताबिक कोई फैसला होगा।
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