नई दिल्ली
जिनके 'ठुमकों' ने पूरी दिल्ली को चौंका दिया, पुलिस और कानून व्यवस्था को झकझोर दिया, वे 'डांसिंग चोर' सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। 10 जुलाई को लाहौरी गेट के नॉवल्टी सिनेमा के पीछे चार दुकानों के शटर तोड़कर कैश व सामान चोरी करने वाले 6 चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वैसे तो दिल्ली के तमाम इलाकों में चोरी की कई वारदात रोजाना होती हैं, लेकिन यह वारदात सुर्खियों में इसलिए आई क्योंकि चोरों ने वारदात से पहले गली में डांस किया था। एक चोर तो सीसीटीवी फुटेज में बिल्कुल मिथुन स्टाइल में डांस स्टेप्स करता नजर आया। वे गली में ऐसे झूम रहे थे, मानो बारात निकली हो।
सबसे पहले हमारे सहयोगी अखबार सांध्य टाइम्स ने इस खबर की जानकारी दी थी। सीसीटीवी फुटेज के स्क्रीन शॉट के साथ प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया था। उसके बाद वही फुटेज दूसरी जगहों पर भी दिखाई गई। बेखौफ चोरों के डांस से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए। नतीजा, डांसिंग चोरों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी।
वारदात के अगले दिन डिस्ट्रिक्ट का कार्यभार संभालने वालीं डीसीपी नूपुर प्रसाद ने बताया कि डांसिंग चोरों की तलाश के लिए पुलिस टीम बनाई गई थी, जिसने 20 दिन की कड़ी मेहनत से चोरों का सुराग लगाया। उनके मुताबिक चोरी की निशानदेही पर काफी सामान भी बरामद किए गए हैं।
आरोपियों की पहचान बवाना जेजे कॉलोनी के आलम , न्यू उस्मानपुर के आनंद उर्फ नागेश्वर, करावल नगर के साहिब अंसारी, न्यू उस्मानपुर के मो. शफीक और लोनी के सलमान व अनिल के तौर पर हुई है। आलम के खिलाफ पहले से चोरी के 43 केस दर्ज हैं। आनंद, साहिब और शफीक के खिलाफ भी चोरी के कई मामले दर्ज मिले हैं।
3 हजार ऑटो चालकों की जांच के बाद चंगुल में आए
डीसीपी नूपुर ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में चोर जरूर नजर आए थे, लेकिन उनकी पहचान करना पुलिस के लिए आसान नहीं था। सभी के चेहरे ढके हुए थे। शुरुआत में पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था। उस एरिया के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो सुराग मिला। गैंग ऑटो से पहुंचा था, लेकिन फुटेज से ऑटो का नंबर नहीं मिला। ऑटो की कंपनी और उसके बैक गार्ड के रंग से उस ऑटो की तलाश शुरू की गई।
पुलिस जांच दल में एसीपी चंद्र कुमार, एसएचओ अमित, एसआई प्रदीप राय, एसआई पंकज, हेड कॉन्स्टेबल मेहताब, अजीत, कॉन्स्टेबल दिनेश, अमित और प्रवीण शामिल थे।
पुलिस टीम ने बुराड़ी अथॉरिटी की मदद से लगभग 3 हजार ऑटो की डिटेल खंगाली। 200 ऑटो शॉर्ट लिस्ट किए। उनमें से दो संदिग्ध ऑटो पर नजर रखी। जैसे ही ऑटो में संदिग्ध ग्रुप सवार हुआ, उन्हें अरेस्ट करके ऑटो को जब्त कर लिया। आरोपियों से पूछताछ के बाद चोरी के दो लैपटॉप, 1 एलसीडी, शटर और लॉक तोड़ने के औजार व अन्य सामान बरामद हुए हैं।
चोरों ने बताया चोरी से पहले क्यों किया था डांस
आरोपियों से पूछताछ में जब यह साफ हो गया कि नॉवल्टी सिनेमा के पीछे रंग महल गली में हुई वारदात में उनका ही हाथ था, तो पुलिस का सबसे पहला सवाल यही था कि दुकानों के शटर तोड़ने से पहले गली में डांस क्यों किया? इस पर आरोपियों ने बताया कि वह वारदात से पहले नशा करते हैं, ताकि डर न रहे। नशे में डांस करना उनका शौक है।
उस रात भी नशे की मस्ती में दुकानों के लॉक तोड़ रहे थे। उनका एक साथी आने-जाने वालों पर नजर रख रहा था। बाकी मिलकर शटर खोल रहे थे। उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनका डांस इतना बड़ा बखेड़ा कर देगा, हालांकि उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए मुंह पर रुमाल बांधे थे। वारदात के बाद अखबारों और न्यूज चैनल्स में वारदात की विडियो और खबरें देखकर खुद चौंक गए थे। पकड़े जाने के डर की वजह से कई दिन शांत और अलग-अलग रहे। जब लगा कि मामला शांत हो गया है तो फिर सेंधमारी की फिराक में थे।
पुलिस के अनुसार, सभी आवारागर्द हैं। ड्रग्स लेने के आदी हैं। रात में ऑटो में निकलते हैं। जहां दाव लगता है, वहां हाथ साफ कर लेते हैं। आरोपियों ने बताया कि वह चोरी के लैपटॉप हजार-डेढ़ हजार रुपये में बेच दिया करते थे।
घटनाक्रम
वॉल सिटी रेजिडेंट फेडरेशन के पदाधिकारी धीरज दूबे ने बताया कि उस रात उनकी दुकान (नंबर 1230) से मोटा कैश, 10-20 हार्ड डिस्क, 20-25 रैम, मोबाइल सेट्स आदि चोरी हुए थे। उसके बाद दुकान नंबर 917, 1232 और 1226 के शटर उखाड़े गए थे।
जिनके 'ठुमकों' ने पूरी दिल्ली को चौंका दिया, पुलिस और कानून व्यवस्था को झकझोर दिया, वे 'डांसिंग चोर' सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। 10 जुलाई को लाहौरी गेट के नॉवल्टी सिनेमा के पीछे चार दुकानों के शटर तोड़कर कैश व सामान चोरी करने वाले 6 चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वैसे तो दिल्ली के तमाम इलाकों में चोरी की कई वारदात रोजाना होती हैं, लेकिन यह वारदात सुर्खियों में इसलिए आई क्योंकि चोरों ने वारदात से पहले गली में डांस किया था। एक चोर तो सीसीटीवी फुटेज में बिल्कुल मिथुन स्टाइल में डांस स्टेप्स करता नजर आया। वे गली में ऐसे झूम रहे थे, मानो बारात निकली हो।
सबसे पहले हमारे सहयोगी अखबार सांध्य टाइम्स ने इस खबर की जानकारी दी थी। सीसीटीवी फुटेज के स्क्रीन शॉट के साथ प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया था। उसके बाद वही फुटेज दूसरी जगहों पर भी दिखाई गई। बेखौफ चोरों के डांस से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए। नतीजा, डांसिंग चोरों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई थी।
वारदात के अगले दिन डिस्ट्रिक्ट का कार्यभार संभालने वालीं डीसीपी नूपुर प्रसाद ने बताया कि डांसिंग चोरों की तलाश के लिए पुलिस टीम बनाई गई थी, जिसने 20 दिन की कड़ी मेहनत से चोरों का सुराग लगाया। उनके मुताबिक चोरी की निशानदेही पर काफी सामान भी बरामद किए गए हैं।
आरोपियों की पहचान बवाना जेजे कॉलोनी के आलम , न्यू उस्मानपुर के आनंद उर्फ नागेश्वर, करावल नगर के साहिब अंसारी, न्यू उस्मानपुर के मो. शफीक और लोनी के सलमान व अनिल के तौर पर हुई है। आलम के खिलाफ पहले से चोरी के 43 केस दर्ज हैं। आनंद, साहिब और शफीक के खिलाफ भी चोरी के कई मामले दर्ज मिले हैं।
3 हजार ऑटो चालकों की जांच के बाद चंगुल में आए
डीसीपी नूपुर ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में चोर जरूर नजर आए थे, लेकिन उनकी पहचान करना पुलिस के लिए आसान नहीं था। सभी के चेहरे ढके हुए थे। शुरुआत में पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था। उस एरिया के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो सुराग मिला। गैंग ऑटो से पहुंचा था, लेकिन फुटेज से ऑटो का नंबर नहीं मिला। ऑटो की कंपनी और उसके बैक गार्ड के रंग से उस ऑटो की तलाश शुरू की गई।
पुलिस जांच दल में एसीपी चंद्र कुमार, एसएचओ अमित, एसआई प्रदीप राय, एसआई पंकज, हेड कॉन्स्टेबल मेहताब, अजीत, कॉन्स्टेबल दिनेश, अमित और प्रवीण शामिल थे।
पुलिस टीम ने बुराड़ी अथॉरिटी की मदद से लगभग 3 हजार ऑटो की डिटेल खंगाली। 200 ऑटो शॉर्ट लिस्ट किए। उनमें से दो संदिग्ध ऑटो पर नजर रखी। जैसे ही ऑटो में संदिग्ध ग्रुप सवार हुआ, उन्हें अरेस्ट करके ऑटो को जब्त कर लिया। आरोपियों से पूछताछ के बाद चोरी के दो लैपटॉप, 1 एलसीडी, शटर और लॉक तोड़ने के औजार व अन्य सामान बरामद हुए हैं।
चोरों ने बताया चोरी से पहले क्यों किया था डांस
आरोपियों से पूछताछ में जब यह साफ हो गया कि नॉवल्टी सिनेमा के पीछे रंग महल गली में हुई वारदात में उनका ही हाथ था, तो पुलिस का सबसे पहला सवाल यही था कि दुकानों के शटर तोड़ने से पहले गली में डांस क्यों किया? इस पर आरोपियों ने बताया कि वह वारदात से पहले नशा करते हैं, ताकि डर न रहे। नशे में डांस करना उनका शौक है।
उस रात भी नशे की मस्ती में दुकानों के लॉक तोड़ रहे थे। उनका एक साथी आने-जाने वालों पर नजर रख रहा था। बाकी मिलकर शटर खोल रहे थे। उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनका डांस इतना बड़ा बखेड़ा कर देगा, हालांकि उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए मुंह पर रुमाल बांधे थे। वारदात के बाद अखबारों और न्यूज चैनल्स में वारदात की विडियो और खबरें देखकर खुद चौंक गए थे। पकड़े जाने के डर की वजह से कई दिन शांत और अलग-अलग रहे। जब लगा कि मामला शांत हो गया है तो फिर सेंधमारी की फिराक में थे।
पुलिस के अनुसार, सभी आवारागर्द हैं। ड्रग्स लेने के आदी हैं। रात में ऑटो में निकलते हैं। जहां दाव लगता है, वहां हाथ साफ कर लेते हैं। आरोपियों ने बताया कि वह चोरी के लैपटॉप हजार-डेढ़ हजार रुपये में बेच दिया करते थे।
घटनाक्रम
वॉल सिटी रेजिडेंट फेडरेशन के पदाधिकारी धीरज दूबे ने बताया कि उस रात उनकी दुकान (नंबर 1230) से मोटा कैश, 10-20 हार्ड डिस्क, 20-25 रैम, मोबाइल सेट्स आदि चोरी हुए थे। उसके बाद दुकान नंबर 917, 1232 और 1226 के शटर उखाड़े गए थे।
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