जयश्री नंदी, नई दिल्ली
दिल्ली की हवा सुधर गई है। साल 2016 और 2017 से तुलना करें को दिल्ली-एनसीआर को बेहतर हवा मिल रही है, हवा में जहर थोड़ा कम हो गया है। सोमवार को सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड(CPCB) ने कुछ आंकड़े सामने रखे, जिससे पता चलता है कि एनसीआर की हवा में सुधार हुआ है।
हवा में मौजूद रहने वाले पीएम2.5 और पीएम 10 हाई पलूशन पीरियड यानी जनवरी और जून के महीनों में तो ज्यादा रहे लेकिन अन्य महीनों में इनमें सुधार दिखाई दिया। सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 के 8 महीनों के दौरान 'संतोषजनक' एयर क्वॉलिटी दिनों की संख्या ज्यादा रही और 'बहुत खराब' कैटिगरी के दिन कम रहे।
बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान(GRAP), सर्दियों में बदरपुर प्लांट के बंद होने से पलूशन में कमी आई हो। इस सुधार को बनाए रखने के लिए सीपीसीबी सर्दियों में पलूशन के कणों से निपटने का प्लान कर रहा है। 15 सितंबर से सीपीसीबी की 40 टीमें पूरी दिल्ली से धुआं और उत्सर्जक सोर्सों पर रिपोर्ट तैयार करेंगी। दिल्ली सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को इसकी जानकारी दी जाएगी।
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दिल्ली की हवा सुधर गई है। साल 2016 और 2017 से तुलना करें को दिल्ली-एनसीआर को बेहतर हवा मिल रही है, हवा में जहर थोड़ा कम हो गया है। सोमवार को सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड(CPCB) ने कुछ आंकड़े सामने रखे, जिससे पता चलता है कि एनसीआर की हवा में सुधार हुआ है।
हवा में मौजूद रहने वाले पीएम2.5 और पीएम 10 हाई पलूशन पीरियड यानी जनवरी और जून के महीनों में तो ज्यादा रहे लेकिन अन्य महीनों में इनमें सुधार दिखाई दिया। सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 के 8 महीनों के दौरान 'संतोषजनक' एयर क्वॉलिटी दिनों की संख्या ज्यादा रही और 'बहुत खराब' कैटिगरी के दिन कम रहे।
बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान(GRAP), सर्दियों में बदरपुर प्लांट के बंद होने से पलूशन में कमी आई हो। इस सुधार को बनाए रखने के लिए सीपीसीबी सर्दियों में पलूशन के कणों से निपटने का प्लान कर रहा है। 15 सितंबर से सीपीसीबी की 40 टीमें पूरी दिल्ली से धुआं और उत्सर्जक सोर्सों पर रिपोर्ट तैयार करेंगी। दिल्ली सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को इसकी जानकारी दी जाएगी।
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