नई दिल्ली
मानव तस्करी को लेकर दिल्ली महिला आयोग काफी सक्रिय है।आधी रात को आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने पहाड़गंज के एक होटल से 39 लड़कियों को छुड़ाया, जिन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेलने के लिए नेपाल से लाया गया था। इसके पहले मंगलवार को ही दिल्ली के मैदानगढ़ी इलाके से भी 16 नेपाली और दो भारतीय लड़कियों को एक तस्कर गिरोह के चंगुल से छुड़ाया गया। इन 18 लड़कियों को देश से बाहर भेजने की तैयारी चल रही थी। इसी के साथ एक सप्ताह में आयोग ने 73 लड़कियों को छुड़ाया।
मंगलवार शाम बनारस पुलिस ने दिल्ली महिला आयोग की मदद से मैदानगढ़ी के घर में छापा मारकर 18 लड़कियों को छुड़ाया। जिस घर से इन्हें छुड़ाया गया, वहां से 68 पासपोर्ट मिले हैं, जिनमें 61 नेपाली और 7 भारतीय के हैं। लड़कियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है।
दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति जयहिंद ने बताया कि मानव तस्करी के इस मामले में बनारस पुलिस ने आयोग से संपर्क किया गया। बनारस पुलिस ने मैदानगढ़ी इलाके के एक घर के आसपास दो-तीन रेकी की और फिर मंगलवार को छापा मारकर 18 लड़कियां छुड़ाई गईं। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें एक लड़की है। स्वाति ने कहा, सभी 18 लड़कियों को स्टोर में रखा गया था। इन लड़कियों को वेश्यावृति के लिए खाड़ी देशों को भेजने की तैयारी थी। इनमें से 16 लड़कियों को नेपाल और बाकी दो को पश्चिम बंगाल से लाया गया था। इनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है।
स्वाति ने बताया कि लड़कियों ने बताया कि उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली लाया गया था। उन्होंने बताया कि वे नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों से हैं। ज्यादातर ने परिवार को भूकंप के दौरान खो दिया है। जब इन लड़कियों को दिल्ली लाया जा रहा था तो एक लड़की भागने में कामयाब हो गई। यह लड़की बनारस चली गई और वहीं पुलिस में इसने अपनी शिकायत दर्ज कराई। लड़की की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। उससे मिली सूचना के आधार पर बनारस पुलिस दिल्ली पहुंची और इस गिरोह का पता लगाया।
लड़कियों को देह व्यापार के धंधे में उतारने का काम करने वाला यह गिरोह अब तक कई जत्थों में अब तक 1000 से ज्यादा लड़कियों की तस्करी कर चुका है। यह गिरोह इसी सप्ताह महिलाओं का नया बैच तैयार करने की तैयारी में था। इस गिरोह के चंगुल से भागने में कामयाब हुई एक महिला ने पुलिस को बताया कि कई बार उसका रेप हुआ और उसके कई दोस्तों को भी सेक्स के कारोबार में धकेला गया। उसने बताया कि पहले उसे दिल्ली लाया गया और यहां से दूसरे देश भेज दिया गया, जहां उसे कई बार बेचा गया। तस्करी कर लाई गई लड़कियों-महिलाओं को दूसरे देश में अच्छी नौकरी के नाम पर लाया जाता था और इसके बाद देह व्यापार कराया जाता।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने दिल्ली के मुनीरका इलाके से 16 लड़कियों को छुड़ाया था, जो नेपाल से लाई गई थींऔर उन्हें इराक भेजे जाने की तैयारी थी।
पढ़ें: DCW ने मुनीरका छुड़ाईं 16 नेपाली लड़कियां
आयोग लड़कियों को नेपाल वापस भेजने के लिए नेपाली दूतावास में बातचीत कर रहा है। स्वाति ने कहा कि बनारस पुलिस ने बताया कि मैदानगढ़ी के इस घर का इस्तेमाल कुछ सालों से लड़कियों की तस्करी के लिए किया जा रहा है। स्वाति कहती हैं, यह हैरानी की बात है कि लोकल पुलिस को इस बारे में कोई खबर नहीं। पिछले एक हफ्ते में 34 नेपाल लड़कियां दिल्ली से छुड़ाई गई हैं मगर दिल्ली पुलिस सो रही है। मैं कई बार होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह जी से अनुरोध कर चुकी हूं कि दिल्ली पुलिस की जवाबदेही तय की जाए मगर उन्होंने अब तक कोई जवाब तक नहीं दिया।
मानव तस्करी को लेकर दिल्ली महिला आयोग काफी सक्रिय है।आधी रात को आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने पहाड़गंज के एक होटल से 39 लड़कियों को छुड़ाया, जिन्हें देह व्यापार के दलदल में धकेलने के लिए नेपाल से लाया गया था। इसके पहले मंगलवार को ही दिल्ली के मैदानगढ़ी इलाके से भी 16 नेपाली और दो भारतीय लड़कियों को एक तस्कर गिरोह के चंगुल से छुड़ाया गया। इन 18 लड़कियों को देश से बाहर भेजने की तैयारी चल रही थी। इसी के साथ एक सप्ताह में आयोग ने 73 लड़कियों को छुड़ाया।
मंगलवार शाम बनारस पुलिस ने दिल्ली महिला आयोग की मदद से मैदानगढ़ी के घर में छापा मारकर 18 लड़कियों को छुड़ाया। जिस घर से इन्हें छुड़ाया गया, वहां से 68 पासपोर्ट मिले हैं, जिनमें 61 नेपाली और 7 भारतीय के हैं। लड़कियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है।
दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति जयहिंद ने बताया कि मानव तस्करी के इस मामले में बनारस पुलिस ने आयोग से संपर्क किया गया। बनारस पुलिस ने मैदानगढ़ी इलाके के एक घर के आसपास दो-तीन रेकी की और फिर मंगलवार को छापा मारकर 18 लड़कियां छुड़ाई गईं। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें एक लड़की है। स्वाति ने कहा, सभी 18 लड़कियों को स्टोर में रखा गया था। इन लड़कियों को वेश्यावृति के लिए खाड़ी देशों को भेजने की तैयारी थी। इनमें से 16 लड़कियों को नेपाल और बाकी दो को पश्चिम बंगाल से लाया गया था। इनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है।
स्वाति ने बताया कि लड़कियों ने बताया कि उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली लाया गया था। उन्होंने बताया कि वे नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों से हैं। ज्यादातर ने परिवार को भूकंप के दौरान खो दिया है। जब इन लड़कियों को दिल्ली लाया जा रहा था तो एक लड़की भागने में कामयाब हो गई। यह लड़की बनारस चली गई और वहीं पुलिस में इसने अपनी शिकायत दर्ज कराई। लड़की की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। उससे मिली सूचना के आधार पर बनारस पुलिस दिल्ली पहुंची और इस गिरोह का पता लगाया।
लड़कियों को देह व्यापार के धंधे में उतारने का काम करने वाला यह गिरोह अब तक कई जत्थों में अब तक 1000 से ज्यादा लड़कियों की तस्करी कर चुका है। यह गिरोह इसी सप्ताह महिलाओं का नया बैच तैयार करने की तैयारी में था। इस गिरोह के चंगुल से भागने में कामयाब हुई एक महिला ने पुलिस को बताया कि कई बार उसका रेप हुआ और उसके कई दोस्तों को भी सेक्स के कारोबार में धकेला गया। उसने बताया कि पहले उसे दिल्ली लाया गया और यहां से दूसरे देश भेज दिया गया, जहां उसे कई बार बेचा गया। तस्करी कर लाई गई लड़कियों-महिलाओं को दूसरे देश में अच्छी नौकरी के नाम पर लाया जाता था और इसके बाद देह व्यापार कराया जाता।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने दिल्ली के मुनीरका इलाके से 16 लड़कियों को छुड़ाया था, जो नेपाल से लाई गई थींऔर उन्हें इराक भेजे जाने की तैयारी थी।
पढ़ें: DCW ने मुनीरका छुड़ाईं 16 नेपाली लड़कियां
आयोग लड़कियों को नेपाल वापस भेजने के लिए नेपाली दूतावास में बातचीत कर रहा है। स्वाति ने कहा कि बनारस पुलिस ने बताया कि मैदानगढ़ी के इस घर का इस्तेमाल कुछ सालों से लड़कियों की तस्करी के लिए किया जा रहा है। स्वाति कहती हैं, यह हैरानी की बात है कि लोकल पुलिस को इस बारे में कोई खबर नहीं। पिछले एक हफ्ते में 34 नेपाल लड़कियां दिल्ली से छुड़ाई गई हैं मगर दिल्ली पुलिस सो रही है। मैं कई बार होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह जी से अनुरोध कर चुकी हूं कि दिल्ली पुलिस की जवाबदेही तय की जाए मगर उन्होंने अब तक कोई जवाब तक नहीं दिया।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: सेक्स ट्रेड: हफ्तेभर में DCW ने बचाईं 73 लड़कियां