Monday, July 30, 2018

हथिनी कुंड से पानी छोड़ा जा रहा, असली बाढ़ का खतरा

नई दिल्ली/ नोएडा
यमुना के निचले इलाकों में रहने वाले लोगो के लिए अभी खतरा टला नहीं है। ऐसा इसलिए कि जलस्तर में अभी और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। मंगलवार को सुबह ही जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच गया है क्योंकि से अभी भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। पानी छोड़ने का फ्लो पहले की तुलना में कम हुआ है। इसलिए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अभी भी राहत कैंपों में पहुंचाया जा रहा है।

सोमवार को पानी का स्तर 205.63 मीटर रेकॉर्ड किया गया जो कि इस का सर्वाधिक स्तर था। मंगलवार शाम तक यह अधिककतम 206.5 तक पहुंचने का अनुमान है। यमुना से सटे निचले इलाके में रहनेवाले लोगों के लिए खतरा अभी बरकरार है और इस वजह से दिल्ली और नोएडा के लगभग 10 हजार लोगों को सुरक्षित राहत कैंप तक पहुंचाया जा रहा है।

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दिल्ली के सीएम ने कहा, 'मंगलवार को प्रभावित इलाकों का दौरा ट्रांसपॉर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत करेंगे और राहत शिविरों में लोगों के लिए किए गए इंतजाम का भी जायजा लेंगे।' केजरीवाल सरकार पर विपक्षी पार्टियां पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जाने को लेकर लगातार हमलावर हैं।


गौतम बुद्ध नगर प्रशासन ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए काम नगर, बडोली, कामपुक्षपुर, याकूबपुर, मोमनाथम, सफीपुर और कुछ और गांव के लोगों को सुरक्षित राहत कैंप में भेजा है। निचले इलाके में बसे लोगों को पहले ही कैंप में भेजा जा चुका है। जिला मैजिस्ट्रेट बी एन सिंह का कहना है कि लतीफपुर, धरयारा, कासना, जैसे इलाके से लोगों को पहले ही राहत कैंप भेजा जा चुका है। एग्जिक्युटिव इंजिनियर एनके लांबा ने कहा, 'हालिया बारिश के बाद डैम के जो हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए थे उनकी मरम्मत कर दी गई है।'


एडीएम अजय कुमार के अनुसार, सोमवार को सुबह सात बजे के करीब जलस्तर 205.63 मीटर रेकॉर्ड किया गया था। उसके एक घंटे बाद ही जलस्तर में 0.03 मीटर की बढ़ोतरी हो गई। दोपहर 12 बजे के करीब जलस्तर में 205.67 मीटर रेकॉर्ड किया गया। दो बजे के बाद करीब दो घंटे तक जलस्तर 205.72 मीटर रहा। लेकिन इसके बाद जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी हुई। शाम सात बजे यमुना का जलस्तर 205.76 मीटर रेकॉर्ड किया गया। उनका कहना है कि सुबह 10 बजे के करीब हथिनी कुंड बैराज से 37,976 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे फिर पानी छोड़ा गया।


सिंचाई और बाढ़ कंट्रोल विभाग के अफसरों के अनुसार, जबतक हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ना बंद नहीं किया जाता, तबतक जलस्तर में कमी नहीं आ सकती। यमुना के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत कैंप तक पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। अलग-अलग जगहों पर कई राहत कैंप बनाए गए हैं। इसमें एक राहत कैंप हाथी घाट, दूसरा सीएनजी स्टेशन और ईस्ट दिल्ली के शाहदरा में भी कई राहत कैंप बनाए गए हैं। मंगलवार को देर शाम तक आगे की स्थिति साफ होगी।

इनपुट: नवभारत टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया से

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