Tuesday, July 31, 2018

छेड़ने का इल्जाम, सड़क से लेकर थाने तक पीटा!

नई दिल्ली
कनॉट प्लेस में टूर ऐंड ट्रैवल्स का ऑफिस चलाने वाले एक युवक ने पुलिस पर बेहद संगीन इल्जाम लगाए हैं। आरोप है कि 'टूरिस्ट पुलिस' वाली पीसीआर वैन के एक पुलिसकर्मी ने पहले तो उनकी जेब से जबरन 10 हजार रुपये निकाल लिए। फिर विरोध जारी रखने पर पुलिस वैन में मौजूद एक महिला कॉन्स्टेबल से छेड़छाड़ का इल्जाम लगा दिया। 100 नंबर कॉल कर दी। मौके पर PCR की तीन-चार गाड़ियां पहुंच गईं। युवक ने भी 100 नंबर कॉल कर शिकायत की।

आरोप है कि युवक की शिकायत पर कोई रेस्पॉंस नहीं आया, लेकिन पीसीआर कर्मी के सपोर्ट में तीन-चार PCR वैन पहुंच गईं। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने पहले उस युवक को (शिकायतकर्ता) सड़क पर पीटा। फिर कनॉट प्लेस थाने के बेसमेंट में ले जाकर मारपीट की। उसके बाद राजीनामा लिखवा लिया, 'उससे पीसीआरकर्मियों ने शक के बिनाह पर पूछताछ की। उस दौरान बहस होने पर थाने ले गए थे। पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। वह कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहता'।

इस बाबत विजय विहार-2, रोहिणी निवासी धीरज लाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और विजिलेंस डिपार्टमेंट को लिखित शिकायत दी है। शिकायतें रिसीव हो गई हैं, लेकिन उन पर धीरज को डिपार्टमेंट की ओर से कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला है। धीरज का आरोप है कि थाने से छोड़ने के बदले भी पुलिसकर्मियों ने 4500 रुपये वसूले थे। पुलिसकर्मियों की नेमप्लेट झुकी होने की वजह से उनके नाम नहीं जानते, लेकिन उस दौरान एक पुलिस कर्मी को उसके साथी राणा कहकर पुकार रहे थे।

अगर महिलाकर्मी से छेड़छाड़ की तो केस क्यों नहीं दर्ज किया?
घटना 22 जुलाई की दोपहर करीब 2 बजे हुई। विजय विहार-2 निवासी धीरज का रीगल बिल्डिंग के पीछे टूर ऐंड ट्रैवल्स का ऑफिस है। धीरज का कहना है कि जिस पुलिसकर्मी ने उन्हें ऑफिस के बाहर मारा-पीटा और जबरन रुपये छीने, उसकी नेमप्लेट छिपी हुई थी, लेकिन कंधे पर एक स्टार नजर आ रहा था, उससे जाहिर हुआ कि वह एएसआई थे। एएसआई ने न सिर्फ लुटेरों की तरह उनके 10 हजार रुपये छीने, बल्कि महिला कॉन्स्टेबल से छेड़छाड़ का झूठा इल्जाम लगाकर मारते-पीटते थाने ले गए। धीरज का कहना है कि यदि उन्होंने छेड़छाड़ की थी तो महिला पुलिस कर्मी ने मुकदमा क्यों नहीं दर्ज करवाया। जाहिर है कि यह आरोप उनके ऊपर दबाव बनाने के लिए लगाया गया था। महिलाकर्मी को मोहरा बनाया गया। हो सकता है कि इसी तरह से और जगह भी उगाही का खेल चल रहा हो। इसलिए उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत करवाया है और इंसाफ की मांग की है। उनसे न सिर्फ खाकी में लूट और मारपीट हुई, बल्कि सामाजिक मानहानि भी हुई है।

थाने के CCTV से सच आएगा सामने
धीरज का कहना है कि यदि थाने के उस दिन के सीसीटीवी फुटेज निकलवाए जाएं तो सच सामने आ जाएगा। पुलिसकर्मी थाने के गेट से लेकर अंदर जाने तक भी पीट रहे थे। कुख्यात अपराधियों के साथ भी पुलिस खुलेआम ऐसा सलूक नहीं करती।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का पक्ष/प्रतिक्रिया
इन आरोपों पर हमने डीसीपी नई दिल्ली, डीसीपी पीसीआर, जॉइंट सीपी विजिलेंस और डीसीपी विजिलेंस से संपर्क करने की कोशिश की, जिनमें डीसीपी (पीसीआर) एसडी मिश्रा और डीसीपी (विजिलेंस) ओमवीर सिंह से बात हुई। डीसीपी एसडी मिश्रा ने कहा कि शिकायत की जांच करवाने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। तब तक कुछ नहीं कहेंगे। डीसीपी (विजिलेंस) ने तथ्यों को जानने के लिए शिकायतकर्ता धीरज को उनके ऑफिस में मिलने का समय दिया। उन्होंने कहा कि विजिलेंस डिपार्टमेंट की हेल्पलाइन पर आने वाली कॉल्स पर फौरन कार्रवाई होती है, क्योंकि उनमें ज्यादातर में घटनाक्रम ताजा होता है। चूंकि लिखित शिकायतें बड़ी संख्या में आती हैं, इसलिए उनकी जांच में समय लगता है।

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