नई दिल्ली
नजफगढ़ के घुमनहेड़ा गांव की जिस गोशाला में 36 गायों की मौत हुई है, क्या उसके पीछे वजह दिल्ली सरकार से मिलने वाला फंड है? गोशाला का संचालन आचार्य सुशील गोसदन ट्रस्ट करता है। 20 एकड़ में फैली गोशाला में 20 कर्मचारी काम करते हैं। उन्होंने जो बताया, वह चौंकाने वाला है। महीनों से सैलरी नहीं मिलने से परेशान ट्रस्ट कर्मचारियों की मानें तो एक हफ्ते से गोशाला में गायों की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि दिल्ली सरकार से मिलने वाला फंड विवाद बन गया।
सरकार से हर महीने गोशाला को 20 लाख रुपये फंड मिलता है। इसके एवज में बिल देने होते हैं। कर्मचारियों की मानें तो विवाद 2 साल पहले शुरू हुआ। गोसदन की देखरेख का जिम्मा एक महिला गुरु छाया को मिला। आरोप लगे कि गुरु छाया मिलीभगत कर गायें बाहर भेज रही है। यह भी कहा गया कि दिल्ली सरकार से मदद लेने के लिए गुरु छाया ने फर्जी बिल लगाए। इसके बाद गुरु छाया को हटा दिया गया।
फिर गांव के ही एक दूसरे शख्स को गोशाला की देखरेख मिल गई। कहा जा रहा है कि कुछ दिन पहले उस व्यक्ति को मारपीट कर भगा दिया गया। आरोप है कि ऐसा गुरु छाया ने करवाया। इसके बाद से गायों की देखरेख नहीं हो पाई। गांववालों का कहना है कि वह जितना कर पा रहे कर रहे हैं। एक और गांववाले ने बताया कि इस गोशाला को लेकर पहले भी शिकायत हो चुकी है।
इतनी गायों की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। गायों को दफनाया भी नहीं जा सका है। उन्हें गोशाला के अलग-अलग कमरों में रख दिया गया है। इसकी वजह से गोशाला से आसपास के एरिया तक बदबू है। गोशाला में कई गाय बेहद कमजोर और बीमार नजर आ रही हैं।
बताया जा रहा है कि गायों की देखरेख यहां ठीक से नहीं की जा रही थी। इसकी वजह से गायों की मौतों का सिलिसला शुरू हुआ। 2-3 दिन पहले 20 गायों को दफनाने की बात भी सामने आ रही है। सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी है।
गांववालों में डर
मामले में गांववालों का कहना है कि यह गोशाला पिछले कुछ साल से परेशानी का सबब बन गई है। इसकी वजह से गांव में माहामारी फैलने का डर बढ़ रहा है। गोशाला में साफ-सफाई का इंतजाम भी नहीं है। गांव में चिकित्सक नहीं है। इसकी वजह से बीमार गाय से संक्रमण अच्च्छी गायों में भी फैल रहा है। लोगों ने बताया कि खाना तो दूर बीते काफी समय से गायों को ठीक से पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा था।
गोशाला के कर्मचारियों के अनुसार, उन्हें पिछले 8-9 महीने से सैलरी नहीं मिली है। डीसीपी एंटो अल्फोंस के अनुसार, गोशाला आचार्य सुशील गोसदन ट्रस्ट चला रहा है। इसमें करीब 1400 गाय हैं। इनमें 36 मरी हुई मिली हैं। इसके बाद नियमों के तहत स्पेशल डिवेलपमेंट कमिश्नर कुलदीप सिंह गंगवार को सूचना दी गई। एक वेटरनरी डॉक्टरों की टीम गठित कर निरीक्षण करवाने को कहा गया, ताकि गायों की मौत की वजह सामने आ सके। इसके बाद काकरोला के वेटरनरी अस्पताल से डॉक्टरों की टीम आई। पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
एक हफ्ते में मरीं 36 गायें
घुमनहेड़ा की गोशाला में 36 गायों की मौत के बाद दिल्ली सरकार ने 24 घंटे में इसकी जांच पूरी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। विकास मंत्री गोपाल राय ने इसे गंभीरता से लेते हुए गायों की मौत की वजह पता लगाने और जांच करने के आदेश किए हैं। इसके बाद ककरौला के वेटरनरी अस्पताल से डॉक्टरों की टीम ने भी जांच शुरू कर दी है।
नजफगढ़ के घुमनहेड़ा गांव की जिस गोशाला में 36 गायों की मौत हुई है, क्या उसके पीछे वजह दिल्ली सरकार से मिलने वाला फंड है? गोशाला का संचालन आचार्य सुशील गोसदन ट्रस्ट करता है। 20 एकड़ में फैली गोशाला में 20 कर्मचारी काम करते हैं। उन्होंने जो बताया, वह चौंकाने वाला है। महीनों से सैलरी नहीं मिलने से परेशान ट्रस्ट कर्मचारियों की मानें तो एक हफ्ते से गोशाला में गायों की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि दिल्ली सरकार से मिलने वाला फंड विवाद बन गया।
सरकार से हर महीने गोशाला को 20 लाख रुपये फंड मिलता है। इसके एवज में बिल देने होते हैं। कर्मचारियों की मानें तो विवाद 2 साल पहले शुरू हुआ। गोसदन की देखरेख का जिम्मा एक महिला गुरु छाया को मिला। आरोप लगे कि गुरु छाया मिलीभगत कर गायें बाहर भेज रही है। यह भी कहा गया कि दिल्ली सरकार से मदद लेने के लिए गुरु छाया ने फर्जी बिल लगाए। इसके बाद गुरु छाया को हटा दिया गया।
फिर गांव के ही एक दूसरे शख्स को गोशाला की देखरेख मिल गई। कहा जा रहा है कि कुछ दिन पहले उस व्यक्ति को मारपीट कर भगा दिया गया। आरोप है कि ऐसा गुरु छाया ने करवाया। इसके बाद से गायों की देखरेख नहीं हो पाई। गांववालों का कहना है कि वह जितना कर पा रहे कर रहे हैं। एक और गांववाले ने बताया कि इस गोशाला को लेकर पहले भी शिकायत हो चुकी है।
इतनी गायों की मौत के बाद प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। गायों को दफनाया भी नहीं जा सका है। उन्हें गोशाला के अलग-अलग कमरों में रख दिया गया है। इसकी वजह से गोशाला से आसपास के एरिया तक बदबू है। गोशाला में कई गाय बेहद कमजोर और बीमार नजर आ रही हैं।
बताया जा रहा है कि गायों की देखरेख यहां ठीक से नहीं की जा रही थी। इसकी वजह से गायों की मौतों का सिलिसला शुरू हुआ। 2-3 दिन पहले 20 गायों को दफनाने की बात भी सामने आ रही है। सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी है।
गांववालों में डर
मामले में गांववालों का कहना है कि यह गोशाला पिछले कुछ साल से परेशानी का सबब बन गई है। इसकी वजह से गांव में माहामारी फैलने का डर बढ़ रहा है। गोशाला में साफ-सफाई का इंतजाम भी नहीं है। गांव में चिकित्सक नहीं है। इसकी वजह से बीमार गाय से संक्रमण अच्च्छी गायों में भी फैल रहा है। लोगों ने बताया कि खाना तो दूर बीते काफी समय से गायों को ठीक से पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा था।
गोशाला के कर्मचारियों के अनुसार, उन्हें पिछले 8-9 महीने से सैलरी नहीं मिली है। डीसीपी एंटो अल्फोंस के अनुसार, गोशाला आचार्य सुशील गोसदन ट्रस्ट चला रहा है। इसमें करीब 1400 गाय हैं। इनमें 36 मरी हुई मिली हैं। इसके बाद नियमों के तहत स्पेशल डिवेलपमेंट कमिश्नर कुलदीप सिंह गंगवार को सूचना दी गई। एक वेटरनरी डॉक्टरों की टीम गठित कर निरीक्षण करवाने को कहा गया, ताकि गायों की मौत की वजह सामने आ सके। इसके बाद काकरोला के वेटरनरी अस्पताल से डॉक्टरों की टीम आई। पोस्टमॉर्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
एक हफ्ते में मरीं 36 गायें
घुमनहेड़ा की गोशाला में 36 गायों की मौत के बाद दिल्ली सरकार ने 24 घंटे में इसकी जांच पूरी करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। विकास मंत्री गोपाल राय ने इसे गंभीरता से लेते हुए गायों की मौत की वजह पता लगाने और जांच करने के आदेश किए हैं। इसके बाद ककरौला के वेटरनरी अस्पताल से डॉक्टरों की टीम ने भी जांच शुरू कर दी है।
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