Sunday, July 1, 2018

11 मौतेंः अंदर था खौफनाक नजारा

नई दिल्ली
बुराड़ी केभाटिया परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में इनके पड़ोसी बुजुर्ग गुरचरण का कहना है कि जब वह इनके घर में घुसे तो जो नजारा सामने था, उसे देखकर उनके पैरों की जमीन खिसक गई। वह जो देख रहे थे, उसे देखकर उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। सभी लोग वहां जाल पर लटके हुए थे। उनके साथ 70 साल की इनकी एक और पड़ोसी रामवती भी आ रही थीं। जिन्हें उन्होंने रास्ते में ही सीढ़ियों पर रोक दिया और कहा कि 'यहां जो मैं देख रहा हूं आप इसे नहीं देख पाओगी। आप अंदर मत आना। अंदर का नजारा बहुत खतरनाक है।'

रामवती ने बताया कि वह रात 11 बजे तक भाटिया परिवार की दुकान पर थीं। दुकान पर भवनेश उर्फ भूपी से उन्होंने तेल खरीदने के लिए बोल रखा था। रात को भूपी ने उनसे पूछा था कि आपको कितने टिन चाहिए, आपके दो टिन मंगवा दिए हैं। आमतौर पर इनकी दुकान रात 11:30 बजे बंद होती थी। इसके बाद वह अपने घर आ गईं थीं। रविवार सुबह वह 4 बजे उठ गई थीं और घर की बालकनी में भी टहल रही थीं। सुबह 5 बजे के आसपास भाटिया परिवार के अधिकतर लोग उठ जाते थे। लेकिन रविवार को इनमें से कोई नहीं उठा तो वह भी यह सोच रही थीं कि इतनी देर तक तो ये लोग सोते नहीं। पता नहीं आज क्या हुआ।

सुबह 5 बजे दूध की गाड़ी आई। उन्होंने घर की डोरबेल बजाई, मोबाइल फोन मिलाए और आवाज भी दी। लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया। फिर दूध वाला दूध को इनके घर के बाहर ही रखकर चला गया। सुबह 6:30 बजे के बाद तक भी जब इनमें से कोई नहीं उठा तो उन्हें चिंता होने लगी। इनके सामने वाले घर में रहने वाले गुरचरण सरदार जी को भी उन्होंने यह बात बताई तो ये दोनों भाटिया परिवार के घर में गए।

मेन गेट बंद था, लेकिन अंदर से लॉक नहीं था। गेट को धक्का देने पर वह खुल गया। पहली मंजिल पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां चढ़ रहे थे। उनके आगे गुरचरण थे। वहां भी गेट अंदर से लॉक नहीं था। गुरचरण ने अंदर जो नजारा देखा। उसे देखते ही गुरचरण ने रामवती को सीढ़ियों पर ही रोक दिया। इसके बाद गली के कुछ और लोग भी वहां पहुंच गए और फिर तो यह खबर गली और इलाके में आग की तरह फैलनी शुरू हो गई।

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