नई दिल्ली
हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर शनिधाम के संस्थापक दाती उर्फ मदनलाल राजस्थानी के खिलाफ रेप मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है। एक एनजीओ की याचिका में क्राइम ब्रांच की अब तक की जांच पर सवाल उठाए गए हैं।
‘दिल्ली सिटिजन फोरम फॉर सिविल राइट्स’ के जनरल सेक्रटरी ने यह पीआईएल दायर की है। सुनवाई तय होना अभी बाकी है। ऐडवोकेट जोगिंदर तुली के जरिए दायर याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली सरकार, क्राइम ब्रांच और सीबीआई को निर्देश जारी कर रेप मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के लिए कहा जाए। अब तक की जांच पर शंका जाहिर करते हुए याचिका में कहा गया है कि रेप की कथित घटना दिल्ली और राजस्थान से जुड़ी है।
ऐसे में क्राइम ब्रांच से प्रभावी जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। उसके पास साक्ष्य जुटाने के लिए न तो पर्याप्त स्टाफ है और न जरूरी सामान। यह भी कहा गया है कि तमाम राजनेता और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी फतेहपुर बेरी स्थित शनिधाम में नियमित आते-जाते हैं। ऐसे में पुलिस की निष्पक्ष जांच की संभावना बहुत कम है। पीआईएल में आरोपियों में से अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होने होने पर भी सवाल हैं।
कहा गया है कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होना मौजूदा जांच पर शक पैदा करता है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, आरोपी की गिरफ्तारी में देरी से सबूत और गवाहों से छेड़छाड़ की संभावना है। दलील दी गई है कि पहले भी ऐसे केस जैसे, बाबा राम रहीम और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई ने ही की है। याचिकाकर्ता ने शक जताया है कि दाती और उसके सहायकों ने देश-विदेश में 1000 करोड़ की संपत्ति कमा ली है। वे देश छोड़कर भी जा सकते हैं।
हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर शनिधाम के संस्थापक दाती उर्फ मदनलाल राजस्थानी के खिलाफ रेप मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है। एक एनजीओ की याचिका में क्राइम ब्रांच की अब तक की जांच पर सवाल उठाए गए हैं।
‘दिल्ली सिटिजन फोरम फॉर सिविल राइट्स’ के जनरल सेक्रटरी ने यह पीआईएल दायर की है। सुनवाई तय होना अभी बाकी है। ऐडवोकेट जोगिंदर तुली के जरिए दायर याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली सरकार, क्राइम ब्रांच और सीबीआई को निर्देश जारी कर रेप मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के लिए कहा जाए। अब तक की जांच पर शंका जाहिर करते हुए याचिका में कहा गया है कि रेप की कथित घटना दिल्ली और राजस्थान से जुड़ी है।
ऐसे में क्राइम ब्रांच से प्रभावी जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। उसके पास साक्ष्य जुटाने के लिए न तो पर्याप्त स्टाफ है और न जरूरी सामान। यह भी कहा गया है कि तमाम राजनेता और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी फतेहपुर बेरी स्थित शनिधाम में नियमित आते-जाते हैं। ऐसे में पुलिस की निष्पक्ष जांच की संभावना बहुत कम है। पीआईएल में आरोपियों में से अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होने होने पर भी सवाल हैं।
कहा गया है कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होना मौजूदा जांच पर शक पैदा करता है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, आरोपी की गिरफ्तारी में देरी से सबूत और गवाहों से छेड़छाड़ की संभावना है। दलील दी गई है कि पहले भी ऐसे केस जैसे, बाबा राम रहीम और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई ने ही की है। याचिकाकर्ता ने शक जताया है कि दाती और उसके सहायकों ने देश-विदेश में 1000 करोड़ की संपत्ति कमा ली है। वे देश छोड़कर भी जा सकते हैं।
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Read more: दाती: क्राइम ब्रांच पर सवाल, CBI जांच की मांग