Friday, June 29, 2018

लापता बच्चों को तलाशने में मदद करेगा यह ऐप

नई दिल्ली
चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर लगाम लगाने के लिए अब एक ऐप तैयार किया गया है। यह ऐप ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने, बच्चों को तलाशने और गुमशुदा बच्चों की पहचान करने का काम करेगा। शुक्रवार को 'बचपन बचाओ आंदोलन' के संस्थापक और बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इस ऐप को लॉन्च किया।

अपनी तरह के इस पहले ऐप्लिकेशन, ReUnite (रीयूनाइट) में लापता बच्चे के अभिभावक और सड़क पर किसी बच्चे को संदेहास्पद स्थिति में देखने वाले आम नागरिक दोनों इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें बच्चे की डिटेल और तस्वीर अपलोड करनी होगी।

यह ऐप सरकार के लापता बच्चों के डेटाबेस से जुड़ी होगा। यह चेहरा पहचानने की तकनीक के जरिए संभावित बच्चे की पहचान करेगा। अगर मिलान हो जाता है तो यूजर को इसका अलर्ट भी आ जाएगा। इससे बच्चे के बारे में पता लगाने में आसानी होगी।

सुरक्षा के लिहाज से बात करें तो बच्चे का फोटो फोन में सेव नहीं होगा। जैसे ही फोटो को अपलोड करने के बाद ऐप बंद करते ही फोन से फोटो स्वयं ही डिलीट हो जाएगा।

बचपन बचाओ आंदोलन और कैपजैमिनी के इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस मौके पर सत्यार्थी ने कहा, 'देश में हर आठ मिनट में एक बच्चा लापता होता है। इसके बाद उसे मजूदरी, सड़कों पर भटकने या फिर ट्रैफिकिंग में धकेल दिया जाता है। मुझे उम्मीद है कि इस ऐप से सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में मदद मिलेगी।'

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